क्या आपने कभी हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को रंगोली बनाते देखा है ? बालोद में कुछ ऐसा ही अनोखा काम प्रदर्शनकारी कर रहे हैं. दरअसल जिले के 502 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारी पिछले 8 दिनों से हड़ताल पर हैं. हड़ताल पर बैठे कर्चमारियों की मांग है कि उनकी 10 सूत्री मांगों को पूरा किया जाए. धरना प्रदर्शन पर बैठे कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा करने की आवाज बुलंद करने के साथ रंगोली भी बना रहे हैं. दरअसल 15 अगस्त से लगातार व्रत और त्योहार का सीजन चल रहा है. त्योहारी सीजन के चलते धरने पर बैठी महिला कर्मचारी रंगोली बनाकर सरकार से गुहार लगा रही हैं कि वो उनकी मांगों पर विचार करे.
प्रदर्शन के साथ रंगोली बना रहे कर्मचारी: महिला कर्मियों का कहना है कि प्रदेश में अभी तीज पर्व का मौका है. ऐसे में उनको घर छोड़कर यहां धरना प्रदर्शन करना पड़ा रहा है. कडू भात खाकर वो तीजा त्योहार मना रहे हैं. नाराज कर्मचारियों का कहना है कि सरकार सिर्फ वादे करती है उसे पूरा नहीं करती. जब भी कर्मचारी अपनी मांग रखते हैं उनकी मांगों की फाइलों को दबा दिया जाता है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन: संघ के जिलाध्यक्ष खिलेश कुमार साहू ने बताया कि ”अब तक 100 से अधिक बार ज्ञापन और पत्र सरकार को सौंपे गए, लेकिन हर बार उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया. संघ के जिलाध्यक्ष खिलेश कुमार साहू ने कहा कि हमारा धैर्य अब जवाब दे चुका है. सरकार को दो महीने पहले ही अल्टीमेटम दिया गया था. 502 कर्मचारियों में से 374 महिला कर्मचारी हैं. स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने लगी है, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही”.
10 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल: एनएचएम कर्मचारी पिनेश्वर साहू ने बताया कि वे पिछले 20 सालों से स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं, कोविड-19 महामारी में भी उनकी भूमिका अहम थी, लेकिन आज भी उन्हें बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया.
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- कर्मचारियों का संविलियन किया जाए
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना हो
- ग्रेड पे निर्धारण होना चाहिए
- लंबित 27% वेतन वृद्धि की जाए
- अनुकंपा नियुक्ति जो पेंडिंग है पूरी की जाए
- 10 लाख कैशलेस चिकित्सा बीमा हो
- नियमित सेवा संरचना होनी चाहिए
- सेवा अवधि की गिनती की जाए
- अवकाश और सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन हो
- वेतन और अन्य भत्ते में सुधार होना चाहिए
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर: हड़ताल के चलते जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र और ग्रामीण क्षेत्रों की सेवाएं ठप हैं. टीकाकरण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम और जन-जागरूकता अभियान रुके हैं. हड़ताल में लैब टेक्नीशियन, कंप्यूटर ऑपरेटर, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) सहित विभिन्न संवर्ग के कर्मचारी शामिल हैं.