बीजापुर: दिसंबर 2023 में बीजापुर के पडियापारा में एक शव सड़क किनारे पुलिस को मिला था. शव गोरना-मनकेली रोड के बीच में पाया गया था. शव की पहचान गोपनीय सैनिक किशन कुरसम ऊर्फ छोटू के रुप में हुई थी. हत्या की शुरुआती जांच पुलिस ने की उसके बाद मामला एनआईए के पास चल गया. गोपनीय सैनिक किशन कुरसुम उर्फ छोटू की हत्या के आरोप में शुक्रवार को एनआईए ने चार लोगों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उसमें गुड्डू कुरसम उर्फ विष्णु कुरसम, दुला कुरसम और सुनील मांडवी उर्फ हुंगा मांडवी और एक किशोर का नाम शामिल है.
गोपनीय सैनिक की हत्या के मामले में NIA ने आरोप पत्र दायर किया: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जिन चार लोगों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है वो सभी बीजापुर जिले के रहने वाले हैं. सभी लोगों पर भारतीय दंड संहिता सहित गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में कई अलग अलग धाराओं में आरोप पत्र दायर किया गया है. NIA की जांच के मुताबिक गुड्डू कुरसम नक्सली समूह का सदस्य है और ‘मूलवासी बचाव मंच’ का अध्यक्ष भी है. आरोप है कि गुड्डू कुरसम बीजापुर में प्रतिबंधित नक्सल संगठन और नक्सलियों के गंगालूर एरिया कमेटी का सदस्य भी है. जबकी दूसरा आरोपी दुला कुरसम भी मूलवासी बचाव मंच का सदस्य. तीसरा आरोपी सुनील मांडवी मिलिशिया ग्राम रक्षा दल का उपाध्यक्ष होने के साथ-साथ चेतना नाट्य मंच का सदस्य है.
जांच एजेंसी का दावा: जांच एजेंसी के मुताबिक चारों आरोपियों ने नक्सलियों की मदद से दिसंबर 2023 में किशन कुरसम को पहले अगवा किया फिर उसकी हत्या की. पूरी घटना को एक साजिश बताया गया है. फरवरी 2024 में ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गोपनीय सैनिक किशन कुरसम उर्फ छोटू की हत्या की जांच का जिम्मा अपने हाथों में लिया है.