रायपुर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने शनिवार को प्रतिबंधित सीपीआई माओवादियों की धरपकड़ के लिए सर्च अभियान दक्षिण बस्तर में चलाया. NIA की टीम ने बस्तर के आमाबेड़ा में तलाशी अभियान चलाया. दरअसल पूरा मामला भारतीय सेना के जवान की हत्या से जुड़ा है. इसी जांच के सिलसिले में एनआईए की टीम ने ये तलाशी अभियान चलाया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने दक्षिण बस्तर के उसेली, गुमझिर, बड़ेतेवड़ा, उमरकुमटा और आमाबेड़ा गांवों में तलाशी ली. एनआईए की टीमों ने 11 संदिग्धों के कई ठिकानों पर दबिश दी.
एनआईए का बड़ा एक्शन: एनआईए की टीम को तलाशी के दौरान एयर गन, मोबाइल फोन, प्रिंटर, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, डीवीआर, मोटरसाइकिल, आपत्तिजनक नक्सली दस्तावेज और 66,500 रुपये नकद बरामद हुए हैं. बरामद किए गए सामानों और दस्तावेजों की जांच टीम कर रही है. एनआईए की इस कार्रवाई को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
सेना के जवान की हत्या से जुड़ा है मामला: दरअसल पूरी घटना सेना के जवान मोतीराम अचला पर हुए जानलेवा हमले से जुड़ा है. मोतीराम अचला जो भारतीय सेना में अपनी पोस्टिंग से छुट्टी पर आए हुए थे. फरवरी 2023 में मुर्गा बाजार गांव उसेली के आमाबेड़ा के पास सीपीआई माओवादियों के अज्ञात कैडरों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. मोतीराम अचला अपने बड़े भाई बिराजू राम अचला और अपने दोस्तों के साथ एक स्थानीय मेले में गए हुए थे. हमले के बाद लाल सलाम जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सीपीआई माओवादी मौके से भाग निकले थे.
जांच एजेंसी को मिला था इनपुट: एनआईए जांच के दौरान जघन्य अपराध में शामिल होने के संदिग्ध सीपीआई माओवादी समर्थकों के नाम सामने आए थे. जिसके बाद NIA की टीम ने दक्षिण बस्तर के कई लोकेशन पर तलाशी अभियान चलाया. इसी साल मार्च के महीने में मोतीराम अचला की हत्या का केस एनआईए की टीम ने अपने हाथ में लिया था. पूरे बस्तर में नक्सलियों के सफाए के लिए एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साल 2026 तक माओवादियों के खात्मे की बात कही है.