नेशनल इन्वेस्टिगेशन ऐजेंसी (NIA) ने साल 2020 के कश्मीर के नार्को-टेरर मामले में बड़ी सफलता हासिल की है. NIA ने चार साल से फरार चल रहे आरोपी मुनीर अहमद बंदे को गिरफ्तार किया है. मुनीर पर पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ड्रग्स के जरिए पैसे जुटाने का आरोप है.
ये मामला जून 2020 में उस समय सामने आया था. जब कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में कैरो ब्रिज पर एक गाड़ी की तलाशी के दौरान 2 किलो हेरोइन और 20 लाख रुपये नकद बरामद किए गए थे. ये सामान अब्दुल मोमिन पीर नामक आरोपी की गाड़ी से बरामद हुआ था. बाद में उससे पूछताछ में 15 किलो हेरोइन और 1.15 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे.
इस मामले को NIA ने 23 जून 2020 को अपने हाथ में लिया. जांच के दौरान अब तक 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. आरोपी मुनीर अहमद इस साजिश का अहम हिस्सा था. जो ना केवल फंडिंग में शामिल था बल्कि जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए ओवरग्राउंड वर्कर्स का नेटवर्क भी तैयार कर रहा था. NIA की जांच जारी है.
कौन हैं मुनीर अहमद बंदे?
मुनीर अहमद बंदे हंदवाड़ा के बंदे मोहल्ला निवासी हैं. वह जून 2020 से फरार थे और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई गंभीर धाराओं जैसे 8/21 एनडीपीएस, 17, 18, 20 यूएपीए और 120-बी, 121 के तहत आरोपी था.मुनीर अहमद एक बहु-मिलियन नार्को-तस्करी मामले में भी शामिल था
आतंकवाद में संलिप्तता
मुनीर अहमद बंदे जुटाए गये धनराशि का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था. वह कई आतंकवाद से जुड़े नेटवर्क का हिस्सा था, जो संगठित अपराध को बढ़ावा दे रहे था. इस गिरफ्तारी से न केवल नार्को-आतंकवाद के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है, बल्कि इसने सुरक्षा एजेंसियों की साख भी बढ़ाई है.