सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व उम्मीदवार नीलेश कुंभानी ने 22 दिन बाद मीडिया के सामने अपनी बात रखी है. कुम्भानी ने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि संगठन मेरे साथ काम नहीं करना चाहता था, कार्यकर्ता काम करना भी चाहते थे तो नेताओं को आपत्ति थी. पीटीआईसन की एंट्री के बारे में बात करने पर कुछ लोगों ने मेरे घर पर विरोध प्रदर्शन किया. समर्थक सभी कांग्रेस कार्यकर्ता थे. उन्होंने आगे कहा कि अगर कांग्रेस ने मुझे निलंबित किया है, अगर वो चाहेंगे तो हम कांग्रेस में रहेंगे और अगर कांग्रेस इसे स्वीकार नहीं करती है तो हम कुछ नहीं करेंगे. मेरे कार्यकर्ता और समर्थक जो कहेंगे उसके अनुसार हम तय करेंगे कि हमें पार्टी में रहना है या नहीं. गौरतलब है कि कांग्रेस ने नीलेश कुम्भानी को 6 साल के लिए निलंबित कर दिया है.
पूर्व कांग्रेस नेता नीलेश कुंभानी ने भी कांग्रेस पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने भी एक निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतारा है. इस उम्मीदवार ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. निर्दलीय प्रत्याशी ने अपनी उम्मीदवारी क्यों वापस ली, यह जांच का विषय है. कुम्भानी के आरोप के बाद कांग्रेस पार्टी पर कई सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस ने क्यों उतारा निर्दलीय उम्मीदवार? क्या कांग्रेस को पहले से पता था कि कुंभानी अपना फॉर्म वापस ले लेंगे? अगर कांग्रेस को पता था तो निर्दलीय उम्मीदवार ने अपना फॉर्म वापस क्यों लिया?
22 दिन बाद रात में लौटे नीलेश कुम्भानी ने प्रताप दुधात की धमकी का जवाब दिया है. कुंभाणी ने कहा कि प्रभात दुधात जोश में आकर बोल पड़ा होगा, मेरे लाल में किसी और की ताकत नहीं है, जो मुझे मार सके. बता दें कि निलेश कुंभानी का पर्चा रद्द होने के बाद प्रताप दुधात ने कुंभानी पर बीजेपी को निर्विरोध चुनाव जिताने का आरोप लगाया था.