निलेश कुम्भानी को आज कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया. पार्टी ने कुम्भानी को 6 साल के लिए कांग्रेस से निलंबित करने का फैसला किया. कुंभानी को फॉर्म इनवैलिडेशन की लापरवाही के चलते सस्पेंड किया गया था. निलंबन के कुछ ही घंटों के भीतर नीलेश कुंभानी सोशल मीडिया के जरिए सामने आए. उन्होंने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
बीजेपी के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने चुनाव अधिकारी से शिकायत की कि सूरत लोकसभा सीट के उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के फॉर्म पर समर्थकों के गलत हस्ताक्षर हैं. इसके बाद 20 अप्रैल की सुबह 10 बजे से सियासी ड्रामा शुरू हो गया. 21 तारीख की सुबह कलेक्टर कार्यालय में सुनवाई हुई और आखिरकार चुनाव आयोग ने नीलेश कुंभानी का फॉर्म रद्द कर दिया. इसके बाद चुनाव अधिकारी ने भाजपा के मुकेश दलाल को निर्विरोध घोषित कर दिया. साथ ही फॉर्म रद्द होने के बाद से कुंभानी गायब थे. लेकिन 6 दिन बाद आज अचानक वह सामने आए हैं और उन्होंने एक वीडियो के जरिए संदेश दिया है. उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस के साथ हूं और उसके साथ ही रहूंगा.
‘विरोध करने वाले बीजेपी से मिले’
कांग्रेस के निलंबन के एक घंटे बाद जारी एक वीडियो में नीलेश कुंभानी ने कहा, ”कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मेरे घर पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे मुझे वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा.” कांग्रेस नेता बूथ का ब्योरा देने को तैयार नहीं थे. उन्होंने आगे आरोप लगाया कि जो लोग विरोध कर रहे हैं वे बीजेपी से मिले हुए हैं. मेरी सभा या प्रचार में एक भी नेता नहीं आया. 2017 में भी मुझे बीजेपी से ऑफर आया था, मुझे भी बीजेपी ने निर्दलीय शामिल होने के लिए कहा था लेकिन मैंने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ नहीं किया. निलेश कुंभानी ने कहा कि 2017 में मुझसे मीटिंग कम करने के लिए कहा गया था. मेरे साथी बीजेपी के बारे में बात कर रहे थे. मैंने भी कई बार प्रताप दुधात से कहा, प्रताप दुधात मेरा फोन नहीं उठा रहे थे. मैंने प्रताप दुधात के लिए हाइकमांड से भी बात की.