भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मिली मौत की सजा को रद्द कर दिया गया है। हत्या के आरोप में यमन की अदालत से फांसी की सजा पाए जाने के बाद यह राहतपूर्ण फैसला आया है। ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और ईसाई प्रचारक डॉ. केए पॉल ने मंगलवार रात यमन की राजधानी सना से एक वीडियो संदेश में इस बात की पुष्टि की।
डॉ. पॉल ने बताया कि भारतीय और यमनी नेताओं ने लगातार दस दिनों तक मिलकर प्रयास किए, जिसके बाद यह सफलता संभव हुई। उन्होंने यमन के धार्मिक नेताओं की प्रार्थनाओं और भारत सरकार के राजनयिक सहयोग का विशेष रूप से उल्लेख किया।
उन्होंने यह भी कहा कि निमिषा को जल्द ही यमन की जेल से निकालकर भारत लाया जाएगा। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए ओमान, जेद्दा, मिस्र, ईरान या तुर्की जैसे देशों के जरिए लॉजिस्टिक सपोर्ट तैयार किया जा रहा है।
भारत सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया था। विदेश मंत्रालय ने यमन में कानूनी प्रक्रिया में मदद के लिए वकील नियुक्त किया था। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया था कि इस मामले में शरिया कानून के तहत मुआवज़े (दीया) के विकल्पों पर भी बातचीत हो रही थी।
पिछले सप्ताह यमन की स्थानीय अदालत ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी की तामील को स्थगित कर दिया था। इसका रास्ता धार्मिक हस्तक्षेप से खुला। यमन के ग्रैंड मुफ्ती, शेख अबू बक्र अहमद कंथपुरम ने इस्लामी कानून में ‘दीया’ का प्रावधान सुझाते हुए मानवीय आधार पर रिहाई की अपील की थी। उन्होंने यह अपील निमिषा के धर्म से ऊपर उठकर केवल मानवता के नाते की थी।
37 वर्षीय निमिषा प्रिया पर हत्या का आरोप था, जिसे यमन की सर्वोच्च अदालत ने भी बरकरार रखा था। इस सजा पर लंबे समय से भारत में भी चिंता बनी हुई थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी निमिषा की फांसी की टालने पर संतोष जताया था।
अब उम्मीद जताई जा रही है कि निमिषा जल्द ही भारत लौटेंगी और उनके परिवार को बड़ी राहत मिलेगी।