झालावाड़: जिले के पीपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे का शोर थमने का नाम नहीं ले रहा है. राजस्थान के जाने-माने युवा नेता निर्मल चौधरी पीड़ित परिवारों से मिलने पीपलोदी गांव पहुंचे, जहां उन्होंने प्रत्येक मृतक परिवारों से मुलाकात करने के साथ ही अपनी तरफ से 1 लाख की सहायता राशि प्रत्येक मृतक परिवार को सौंपी है. इस अवसर पर निर्मल चौधरी ने कहा कि उन्होंने इतने बुरे हालात अपने जीवन में पहली बार देखे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यहां रहने वाले लोग पशु-पक्षियों की तरह जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं. उनके हालात देखने पर सोचने को मजबूर होना पड़ रहा है कि यह कौन सी सदी में जी रहे हैं.
आगे उन्होंने कहा कि वह घटना वाले दिन भी यहां आ रहे थे. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उनको रास्ते में रोक कर कहां- आप विपक्ष में हो इसलिए वापस चले जाओ, क्योंकि यदि आपको किसी भी प्रकार का क्रेडिट मिला तो पीड़ित परिवारों का नुकसान हो जाएगा. पीड़ित परिवार पूरी तरह से संतुष्ट हैं. हम बिल्कुल नहीं चाहते कि पीड़ितों का कोई भी नुकसान हो, इसलिए शांतिपूर्वक वापस लौट जाएं. लेकिन अब जब यहां आए हैं तो प्रशासन की बातें भी बिल्कुल खोखली नजर आती हैं.
निर्मल चौधरी ने कहा कि वह यहां के हालात देखकर बेहद आश्चर्यचकित हैं, यहां के लोग बीमारियों से ग्रसित हैं. अधिकांश लोगों को गांठे निकली हुई है. उन्होंने कहा कि पीपलोदी के लोगों की हालत देखकर आज मेरी आत्मा रो रही है. मैं उनके लिए आगे भी पुरजोर तरीके से आवाज उठाऊंगा, ताकि सरकार और प्रशासन नींद से जागे.
निर्मल ने कहा कि उन्होंने यहां ग्रामीणों की आर्थिक सहायता की है, उनसे मिलने यहां आए हैं. इसको हरगिज यह न समझा जाए कि वह यहां किसी प्रकार की राजनीति करने आए हैं. उन्होंने कहा कि उनका झालावाड़ से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है, ना ही उन्हें यहां राजनीति करनी है और ना ही वह यहां कभी चुनाव लड़ने आएंगे. लेकिन यहां के हालातो के बारे में जब उन्होंने सुना तो उनकी आत्मा रो पड़ी तथा वह मानवता के नाते आत्मा की आवाज सुनकर आज यहां पहुंचे हैं.
निर्मल चौधरी ने जनप्रतिनिधियों, राजनेताओं और मीडिया से अपील करते हुए कहा है कि वह सब यहां आएं और यहां के हालात देखें, तब उन्हें एहसास होगा कि यहां के लोग इस लोकतंत्र में भी इतना दर्द भोग रहे हैं. जितना पशु-पक्षी भी नहीं भुगतते. अगर अपने आप को लीडर कहते हो और लीडर समझते हो तो यहां आओ और इनका दर्द देखो.