केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब वार्षिक बजट में आने वाले वर्ष के लिए सरकार की राजकोषीय नीतियों को प्रस्तुत करती हैं, तो अपनी साड़ियों को लेकर भी सुर्खियां बटोरती हैं. हर बार बजट के दौरान उनके द्वारा पहनी गई साड़ी के पीछे कोई कहानी होती है. वित्त मंत्री की साड़ियां भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति और विरासत का प्रतिनिधित्व करती हैं. इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के लिए सफेद रंग की साड़ी पहनी, जिसके किनारों पर गोल्डन वर्क था.
उन्होंने इस साड़ी को लाल ब्लाउज और एक शॉल के साथ कैरी किया. वित्त मंत्री को यह साड़ी पद्मश्री पुरस्कार विजेता दुलारी देवी ने उपहार में दी थी. उन्होंने सीतारमण से रिक्वेस्ट की थी कि वह बजट वाले दिन ये साड़ी पहनें. निर्मला सीतारमण ने दुलारी देवी के इस अनुरोध को विनम्रता के साथ स्वीकार किया, जो हैंडलूम के प्रति वित्त मंत्री के प्यार को दर्शाता है. दुलारी देवी मिथिला आर्ट्स के लिए जानी जाती हैं. वर्ष 2021 में उन्हें कला में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
वित्त मंत्री सीतारमण ने गत वर्षों के दौरान भी बजट वाले दिन हाथ से बुनी हुई साड़ियां पहनती रही हैं. यह वित्त मंत्री का भारत के इस पारंपरिक परिधान के प्रति उनके प्यार को दर्शाता है. यह कहें कि सीतारमण ने भारत के समृद्ध हैंडलूम और टेक्सटाइल हेरिटेज को राष्ट्रीय मंच पर लाया है, तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी. साल 2019 में पहली बार बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट ब्रीफकेस को पारंपरिक बही खाते से बदला था. लाल रंग के बही खाते के साथ तब उन्होंने गुलाबी मंगलगिरि रेशम की साड़ी पहनी थी, जिसके बॉर्डर पर गोल्डन वर्क था.
वर्ष 2020 के बजट के दौरान सीतारमण ने पीली रेशम की साड़ी पहनी थी, जिस पर हरे रंग की लाइन वाला किनारा था. 2021 का बजट पेश करते समय, सीतारमण ने पोचमपल्ली रेशम की साड़ी पहनी थी जिसमें लाल और सफेद रंग था. वित्त मंत्री ने 2022 में बोमकाई साड़ी पहनी थी, जिसमें भूरे रंग की साड़ी में मैरून और सुनहरे बॉर्डर थे. इसके जरिए उन्होंने ओडिशा के हैंडलूम हेरिटेज को बढ़ावा दिया था. बोमकाई साड़ियां ओडिशा के बोमकाई गांव में बनाई जाती हैं.
2023 में बजट पेश करते समय, निर्मला सीतारमण ने लाल रेशम की साड़ी पहनी थी, जिसमें काले मंदिर की आकृति वाले बॉर्डर थे. यह साड़ी कर्नाटक के धारवाड़ क्षेत्र से संबंधित कसुती कढ़ाई की सुंदरता को प्रदर्शित कर रही थी. 2024 में, सीतारमण ने कांथा कढ़ाई के साथ नीली टसर रेशम साड़ी पहनी थी, जो पश्चिम बंगाल में लोकप्रिय एक शिल्प है.