भारत को अस्थिर करने की कोशिश संबंधी बीजेपी के आरोपों को अमेरिका ने खारिज कर दिया है इस बीच पार्टी सांसद निशिकांत दुबे का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से 10 सवाल पूछेंगे. सांसद ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मीडिया पोर्टल ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट(ओसीसीआरपी) और हंगरी-अमेरिकी व्यवसायी जॉर्ज सोरोस ने भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने और मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए विपक्ष के साथ मिलीभगत की है.
बीते शनिवार को अमेरिका ने बीजेपी के उन आरोपों को खारिज किया था कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित संगठन और वाशिंगटन की सरकारी संस्थाओं से जुड़े तत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी पर लक्षित हमलों के जरिए से भारत को अस्थिर करने के प्रयासों में शामिल हैं. अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने इन आरोपों को निराशाजनक बताया और कहा कि अमेरिका मीडिया की स्वतंत्रता का हमेशा समर्थन करता है. दूतावास ने कहा कि अमेरिका ऐसे संगठनों को फंड देता है जो पत्रकारों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर काम करते हैं, लेकिन उनके संपादकीय निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करता.
‘भारत की छवि खराब करने की कोशिश’
कल अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों का बयान मैंने बारम्बार पढ़ा ।उन्होंने यह माना कि OCCRP को अमेरिकी सरकार पैसा देती है, सोरोस का फाउंडेशन तो पैसा देता ही है ।OCCRP ,सोरोस का काम भारत की अर्थव्यवस्था को चौपट करना है,मोदी सरकार को बदनाम करना है,विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर ।कल के… pic.twitter.com/54ke2lJOyR
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) December 8, 2024
वहीं दूतावास के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि कल उन्होंने अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों का बयान बार-बार पढ़ा. अमेरिका ने माना है कि वह ओसीसीआरपी को फंड करता है और जॉर्ज सोरोस की फाउंडेशन भी इसे समर्थन देती है. उन्होंने कहा कि ये लोग भारत की छवि खराब करने और मोदी सरकार को निशाना बनाने की साजिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो लोकसभा नियम 357 के तहत राहुल गांधी से सवाल पूछने का अधिकार रखते हैं. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया.
‘ओसीसीआरपी और राहुल गांधी की मिलीभगत’
गुरुवार को बीजेपी ने आरोप लगाया था कि अमेरिका की सरकारी संस्थाओं में शामिल तत्वों ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलीभगत की है. दरअसल अमेरिका में पिछले महीने नवंबर में कारोबारी गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर 2020 से 2024 के बीच 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देकर सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट हासिल करने का आरोप लगाया था.