बिहार विधानसभा चुनाव में महेश कुछ महीने शेष रह गए हैं. इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ताबड़तोड़ फैसला करने लगी है. लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में 25 एजेंडा पर मोहर लग गई है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण बेरोजगारी भत्ता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में बेरोजगारी भत्ता नियमावली 2024 को मंजूरी दे दी गई है. नीतीश कैबिनेट द्वारा पारित नई बेरोजगारी भत्ता के मुताबिक अगर मनरेगा के तहत मजदूरों को 15 दिन के भीतर रोजगार नहीं मिलता है तो उन्हें प्रदेश की नीतीश सरकार बेरोजगारी भत्ता देगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के कर्मचारियों के मकान किराया की दर में भी संशोधन किया है.
सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने जो अहम फैसले लिए हैं, उनमें से कुछ महत्त्वपूर्ण फ़ैसला इस प्रकार हैं:
• राज्य के न्यायिक सेवा के पदाधिकारी के लिए बकाया भक्तों के भुगतान हेतु बिहार राज्य अक्सीमिकता निधि से एक अरब 33 लाख 49000 की राशि की अग्रिम स्वीकृति दी गई है.
• वित्तीय वर्ष 2024 25 में राज्य सरकार द्वारा 5298 करोड रुपए से अधिक ऋण उगाही की स्वीकृति दी गई है.
• दलित महादलित और अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग अक्षर अंचलन योजना कार्यक्रम के संचालन के लिए भी अनुदान राशि की स्वीकृति दी गई है.
• इसके साथ ही नीतीश कैबिनेट ने 15 साल से पुराने सभी सरकारी वाहनों की स्क्रेपिंग योजना को भी मंजूर कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहार सरकार के सभी विभाग बोर्ड निगम तथा एन कार्यालय के समिति वाले 15 वर्ष पुराने वाहनों का फिर से निबंधन किया जा सकेगा.
जाहिर है कि बिहार विधानसभा चुनाव अब नजदीक आता जा रहा है. इसी को देखते हुए बिहार की एनडीए सरकार लगातार ताबड़तोड़ फैसला कर रही है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है. बिहार का यह विधानसभा चुनाव निश्चित तौर पर केंद्र के एनडीए सरकार पर भी असर डालेगा.