चुनावी वर्ष में महिला वोटर्स को साधने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब जितनी भी बहालियां होंगी उसमें सिर्फ बिहार की महिला अभ्यर्थियों को ही 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. चुनावी साल में भले इस तरह का निर्णय लिया गया है लेकिन इसका स्वागत भी हुआ है.
दरअसल इस मांग को लेकर लगातार आंदोलन हो रहे थे. कई बार आक्रोश मार्च और धरना-प्रदर्शन कर आवाज उठाई जा चुकी है. छात्र नेता दिलीप कुमार ने एबीपी न्यूज़ से बुधवार (09 जुलाई, 2025) को कहा कि सरकार ने कल (मंगलवार) दो अहम फैसले लिए. एक ये कि बिहार की बेटियों को 35% आरक्षण का लाभ मिलेगा और दूसरा कि युवा आयोग का गठन किया जाएगा. यह दोनों मांग हम लोग पहले से उठा रहे थे.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
दिलीप कुमार ने कहा कि यह स्वागत योग्य फैसला है. बिहार की बेटियों का भविष्य संवारने के लिए या फैसला लिया गया है. इसका हम लोग स्वागत करते हैं. दिलीप ने बताया कि इससे पहले तीन चरण की शिक्षक बहाली हुई और करीब दो लाख भर्ती हो चुकी है. इसमें जो 35% आरक्षण का लाभ महिलाओं को मिला था वह बाहर की महिला अभ्यर्थियों को भी मिला है. बिहार से ज्यादा बाहर की महिला अभ्यर्थियों ने इसका लाभ उठाया है.
‘लड़कियों को हो रहा था नुकसान’
छात्र नेता दिलीप ने कहा कि देर से ही सही लेकिन बिहार की महिलाओं के लिए सही निर्णय है. पटना की कुछ महिलाओं ने कहा कि नीतीश कुमार ने शुरू दौर से ही महिलाओं के प्रति विशेष ध्यान दिया है. उनका ही महिलाओं को 35% आरक्षण दिया हुआ है, लेकिन सरकारी नौकरी में डोमिसाइल नीति लागू नहीं होने से लड़कियों को बहुत नुकसान हो रहा था. इसका फायदा बिहार के बाहर की लड़कियों- महिलाएं को हो रहा था. 100 पदों की बहाली में 35 बिहार की महिलाएं तो जरूर जाएंगी. यह निर्णय स्वागत योग्य है.
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसका क्या असर होगा इस पर एक महिला ने बताया कि निश्चित तौर पर पढ़ने-लिखने वाली लड़कियां और शिक्षित महिलाएं सरकार के इस कदम से जरूर खुश होंगी. हालांकि वोट तो अपने हिसाब से ही देंगी. भले सरकार ने चुनाव को देखते हुए फैसला लिया हो, लेकिन यह फैसला सही है तो निश्चित तौर पर चुनाव में महिलाएं नीतीश कुमार का साथ जरूर देंगी.