बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि वे आगामी चुनाव में सक्रिय राजनीति में कदम रख सकते हैं। उनके इस्तीफे को चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
VRS के जरिए राजनीति में प्रवेश की तैयारी
डॉ. एस सिद्धार्थ ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) के तहत इस्तीफा दिया है। उन्होंने 17 जुलाई को ही सरकार को अपना वीआरएस आवेदन सौंप दिया था। वे 30 नवंबर 2025 को रिटायर होने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने इस्तीफे का फैसला लिया। माना जा रहा है कि वे जेडीयू के टिकट पर नवादा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
नवादा दौरे के बाद अटकलों को मिला बल
हाल ही में डॉ. सिद्धार्थ ने नवादा का दौरा किया था, जिससे उनके चुनावी मंसूबों को लेकर चर्चा और तेज हो गई है। इससे पहले मुख्यमंत्री के एक और करीबी अधिकारी दिनेश राय ने भी वीआरएस लिया था, जिनके भी चुनाव लड़ने की अटकलें हैं। दोनों अधिकारियों के इस्तीफे से साफ संकेत मिल रहे हैं कि प्रशासनिक सेवा से अब वे सियासी मंच की ओर रुख कर रहे हैं।
कौन हैं डॉ. एस सिद्धार्थ?
डॉ. एस सिद्धार्थ 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म तमिलनाडु में हुआ था। वे आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट और आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए कर चुके हैं। एक प्रशिक्षित पायलट, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, कार्टूनिस्ट और पेंटर के रूप में भी उनकी पहचान रही है। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो और शौक अक्सर चर्चा में रहते हैं।
अक्टूबर में हो सकते हैं बिहार चुनाव
बिहार सरकार का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग की ओर से अक्टूबर में विधानसभा चुनाव कराए जाने की संभावना जताई जा रही है। सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं, वहीं पूर्व नौकरशाहों की राजनीति में एंट्री सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी रणनीतिक बढ़त साबित हो सकती है।