सीधी : जिले की मझौली जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत तिलवारी में सरपंच राजेंद्र प्रसाद वर्मा के खिलाफ 17 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.उपसरपंच सहित 16 सदस्य मझौली के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) आर. पी. त्रिपाठी के पास पहुंचे और सरपंच को हटाने की मांग की.
सदस्यों का आरोप है कि सरपंच पिछले ढाई वर्षों से बिना ग्राम सभा की बैठक किए मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हैं. पंचायत के कार्यों में सदस्यों की कोई भागीदारी नहीं होती, और विरोध करने पर उन्हें धमकाया जाता है.
सदस्यों ने लगाए गंभीर आरोप
ग्राम पंचायत सदस्यों ने सरपंच पर फर्जीवाड़े और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए हैं.उनका कहना है कि बिना पंचायत सदस्यों की सहमति के कार्यों के प्रस्ताव पारित कर दिए जाते हैं.मास्टर रोल में हेरफेर कर लाखों-करोड़ों रुपए निकाले जा चुके हैं.जब पंचायत सदस्य इसकी जानकारी मांगते हैं, तो सरपंच उनके साथ अभद्र व्यवहार करते हैं और धमकी देते हैं.
एसडीएम ने दिया आश्वासन
एसडीएम आर. पी. त्रिपाठी ने सभी सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ की और आश्वासन दिया कि अविश्वास प्रस्ताव को विधि सम्मत तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा.उन्होंने कहा कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत एक नई तिथि तय कर प्रस्ताव पारित किया जाएगा.
मामले ने पकड़ी सुर्खियां
ग्राम पंचायत तिलवारी का यह मामला अब सुर्खियों में आ गया है.स्थानीय मीडिया की उपस्थिति में उपसरपंच फूल भान यादव ने बताया कि सरपंच की मनमानी और भ्रष्टाचार को लेकर पंचायत के अधिकांश सदस्य अब उनके खिलाफ हैं.सदस्यों ने एकमत होकर सरपंच को हटाने का निर्णय ले लिया है और उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द उचित कार्रवाई करेगा.