गुना में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए एक दिव्यांग युवक के सामने अजीबोगरीब शर्त रख दी गई. शर्त किसी और ने नहीं, बल्कि खुद सिस्टम में बैठे शासन के नुमाइंदों ने रखी. नियमों का हवाला देते हुए दिव्यांग को लालफीताशाही का शिकार बना दिया.
दरअसल, आरोन कस्बे के वार्ड नंबर-15 का निवासी पवन अहिरवार शारीरिक रूप से दिव्यांग है. पवन अहिरवार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया था. बदले में आरोन नगर परिषद की ओर से दिव्यांग पवन अहिरवार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया.
नगरपरिषद आरोन ने नोटिस में लिखा, “आप अविवाहित पाए गए हैं. मप्र शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल, पीएम आवास शहरी 2.0 की कंडिका 3.1.1 एवं 3.1.2 अंतर्गत आवेदन अपात्र की श्रेणी में है. तीन दिवस के अंदर साक्ष्य प्रस्तुत करें.”
दिव्यांग पवन अहिरवार ने बताया कि पीएम आवास योजना के तहत अपात्र करने के लिए नगर परिषद आरोन द्वारा नोटिस जारी किया गया है. पीएम आवास योजना के नियमों का हवाला देकर परेशान किया जा रहा है. मतलब शादी नहीं की तो पीएम आवास भी नहीं मिलेगा.
इस मामले में जब गुना कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल से सवाल किया गया तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया और कहा कि कहीं न कहीं कंफ्यूजन है. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द इस मामले की जांच कराई जाए. नियमों के अनुसार किसी व्यक्ति के पास पट्टे की या स्वयं की जमीन होती है तो उसे पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाता है. दिव्यांग पवन के पास भी उसकी जमीन है तो उसे लाभ जरूर मिलेगा.
दलित युवक पवन अहिरवार ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है. दिव्यांग ने बताया कि उसे सिस्टम द्वारा बेवजह परेशान किया जा रहा है.