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‘दुकानों पर नाम-पहचान लगाने की जरूरत नहीं…’, यूपी सरकार के आदेश पर SC की अंतरिम रोक

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कावड़ यात्रा-नेमप्लेट विवाद मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने उस फैसले पर पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें कावड़ रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को कहा गया था. अदालत ने कहा है कि दुकानदारों को अपना नाम या पहचान बताने की जरूरत नहीं है.

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कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को बस यह बताने की जरूरत है कि वह किस प्रकार का खाना बेच रहे हैं. दुकानदारों को ये बताने की जरूरत है कि वह खाना शाकाहारी है या मांसाहारी, यह उजागर करने की जरूरत है.

इस संबंध में कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. साथ ही अदालत ने ये भी कहा है कि अगर याचिकाकर्ता अन्य राज्यों को भी इसमें शामिल करना चाहते हैं तो उन राज्यों को भी नोटिस जारी किया जाएगा.

सुनवाई के दौरान क्या-क्या दलीलें दी गईं?

एनजीओ एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सोमवार को जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने इस पर सुनवाई की.

मामले पर सुनवाई के दौरान एनजीओ की ओर से पेश वकील सीयू सिंह ने कहा कि यूपी सरकार के इस फैसले का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. कोई भी कानून पुलिस कमिश्नर को इस तरह की शक्तियां नहीं देता. सड़क किनारे चाय की दुकान या ठेला लगाने वाले दुकानदार की ओर से इस तरह की नेमप्लेट लगाने के आदेश देने से कुछ फायदा नहीं होगा.

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह छद्म आदेश है. यह न्यायालय उन लोगों के लिए कठोर है जो नियमों का उल्लंघन करते हैं, और जब लोग बहुत चालाकी से काम लेते हैं तो यह और भी कठोर हो जाती है. सिंघवी ने कहा उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम हजारों किलोमीटर की बात कर रहे हैं, उनमें से अधिकांश बहुत छोटी चाय की दुकान या फल की दुकान वाले हैं.

यूपी के मुजफ्फरनगर में हुई थी शुरुआत

यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा से पहले जरूरी निर्देश जारी किए थे. सरकार के मुताबिक, सड़क किनारे ठेले समेत हर खाद्य पदार्थ की दुकानों के मालिकों को अपने नाम का बोर्ड लगाना जरूरी कर दिया गया था. इस नियम की शुरुआत मुजफ्फरनगर से हुई थी. वहां स्थानीय प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर उनके मालिक और संचालक के नाम लिखने के निर्देश दिए थे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की थी और पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली हर दुकान के मालिक और उसके संचालक का नाम लिखने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने हलाल प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया था.

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