‘BCCI की फैमिली से कोई मरा नहीं इसलिए मैच खेला जा रहा है’, IND-PAK मैच से पहले छलका शुभम द्विवेदी की पत्नी का दर्द

पहलगाम हमले में शहीद हुए जवान शुभम द्विवेदी की पत्नी ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर अपनी पीड़ा साझा की। उन्होंने कहा कि उनका परिवार और देश का हर नागरिक इस घटना से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, लेकिन BCCI की फैमिली से किसी की मौत नहीं हुई, इसलिए मैच खेला जा रहा है। उनका दर्द देशवासियों के दिल को झकझोर रहा है और उन्होंने सभी से संवेदनशीलता दिखाने की अपील की।

शुभम द्विवेदी की पत्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका परिवार हर रोज देश की सेवा करने वाले जवानों के बलिदान को महसूस करता है। लेकिन यह देखकर उन्हें गहरा दुख हुआ कि खेल के मैदान पर राजनीतिक और भावनात्मक पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मैच खेलना जरूरी हो सकता है, लेकिन इससे परिवारों के दुख को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

उन्होंने यह भी कहा कि शुभम की मौत के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई है। रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातें भी अब उनके लिए भारी हो गई हैं। शादीशुदा जीवन में पति की असमय मृत्यु का दर्द शब्दों में बयान करना मुश्किल है। वे चाहती हैं कि देश के नागरिक और खेल से जुड़े लोग जवानों के बलिदान को याद रखें और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशील रहें।

शुभम की पत्नी ने सरकार और खेल संगठनों से अपील की कि भविष्य में ऐसी संवेदनशील परिस्थितियों में निर्णय लेने से पहले परिवारों की भावनाओं का सम्मान किया जाए। उन्होंने कहा कि खेल का महत्व समझना आवश्यक है, लेकिन परिवारों का दर्द भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

इस दौरान उन्होंने देशवासियों से यह भी अनुरोध किया कि वे शहीदों के परिवारों के प्रति सहानुभूति दिखाएं और इस बात को समझें कि हर परिवार का जीवन शहीद की मृत्यु के बाद हमेशा के लिए बदल जाता है। उनका मानना है कि खेल खेला जा सकता है, लेकिन भावनाओं और संवेदनाओं की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।

शुभम द्विवेदी की पत्नी की इस अपील ने देशभर में चर्चा पैदा कर दी है और लोगों में खेल और संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उनका दर्द और हिम्मत यह दिखाती है कि शहीद परिवारों के जीवन में खेल की तुलना में इंसानियत और संवेदनशीलता ज्यादा अहमियत रखती है।

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