“कोई नहीं बचना चाहिए!” – पन्ना में दर्दनाक मौत के बाद उठी निष्पक्ष जांच की मांग

पन्ना : जिला अस्पताल में 30 मई 2025 को एक मां और उसके नवजात बच्चे की दुखद मौत हो गई, जिससे पूरे जिले में हड़कंप मच गया.घटना के बाद परिजन सड़क पर उतर आए और प्रदर्शन किया.इसके बाद प्रशासन ने तुरंत 5 लोगों की जांच टीम बना दी.

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पन्ना जिला अस्पताल में 30 मई 2025 को हुई जच्चा बच्चा की दर्दनाक मौत के मामले ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है.घटना के बाद परिजनों ने प्रदर्शन किया था जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल 5 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया.

 

 

सिविल सर्जन डॉ. आलोक गुप्ता ने बताया कि जांच टीम ने अब तक स्टाफ, नर्स और डॉक्टरों के बयान दर्ज कर लिए हैं.मृतिका के पति का बयान अभी बाकी है.उम्मीद है कि जल्द ही जांच रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी जाएगी.

 

 

सवाल उठे न्याय और सजा को लेकर

मामले में एक बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या सही दोषियों को सजा मिलेगी या फिर छोटे कर्मचारियों को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा

जिले में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है.आम लोगों का मानना है कि चिकित्सा लापरवाही के मामलों में अक्सर बड़े अधिकारी या प्रभावशाली डॉक्टर बच जाते हैं, जबकि निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई हो जाती है.

 

 

पिछले अनुभवों के आधार पर भी लोगों में आशंका है कि दिखावे के लिए कुछ कर्मचारियों को निलंबित या बर्खास्त किया जाएगा.

लोगों की मांग-निष्पक्ष जांच और सजा

जनता की मांग है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और जो भी दोषी होगा, चाहे वह बड़ा हो या छोटा, उसे कड़ी सजा दी जाए। सभी की निगाहें अब 5 सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो इस मामले की सच्चाई सामने लाएगी.सिविल सर्जन पन्ना डॉ. आलोक गुप्ता ने कहा, “हम मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं.

सभी पक्षों के बयान लिए जा चुके हैं और जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को दी जाएगी.”

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