छत्तीसगढ़ में अब 2200 वर्गफीट (5 डिसमिल) से कम एग्रीकल्चर कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। इस मामले में मंगलवार को पंजीयन विभाग ने आदेश जारी किया है। यह बदलाव छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता विधेयक 2025 के पारित होने के बाद लागू हुआ है।
प्रदेश के पंजीयन महानिरीक्षक ने राज्य के सभी जिलों के पंजीयक और उप पंजीयकों को आदेश भेज दिया है कि, वे नए नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए है।
क्या है नया नियम?
- अब प्रदेश के शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में 5 डिसमिल (2200 वर्गफीट) से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी।
- यह नियम पहले रमन सिंह सरकार के समय लागू था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2019 में इसे खत्म कर दिया था। अब फिर से इसे लागू कर दिया गया है।
अवैध प्लॉटिंग पर लगेगी रोक
विधानसभा के मानसून सत्र में पारित भू-राजस्व संहिता विधेयक 2025 का उद्देश्य अवैध प्लॉटिंग पर रोक लगाना है। छोटे-छोटे टुकड़ों में जमीन बेचने और अव्यवस्थित कॉलोनियों के निर्माण की समस्या पर अब लगाम लगेगी।
डिजिटल नक्शों को मिलेगी कानूनी मान्यता
नए कानून में जियो-रेफरेंस्ड मैप को भी शामिल किया गया है। इसका मतलब यह है कि डिजिटल नक्शों को अब कानूनी वैधता मिल जाएगी, जिससे ज़मीन के रिकॉर्ड और बंटवारे में पारदर्शिता आएगी।
वही अब ज़मीन के भू-स्वामी जीवनकाल में कभी भी अपने उत्तराधिकारी का नाम जोड़ सकते हैं। अगर भू-स्वामी की अचानक मृत्यु हो जाती है, तो उनके उत्तराधिकारी को स्वतः नामांतरण (म्यूटेशन) का अधिकार मिल जाएगा।
फ्लैट खरीदारों को ज़मीन पर भी अधिकार
कानून में बहुमंजिला इमारतों (अपार्टमेंट्स) को लेकर भी एक बड़ा सुधार हुआ है। अब कोई व्यक्ति फ्लैट खरीदेगा तो उसे उस प्रोजेक्ट की जमीन में भी फ्लैट के साइज के अनुपात में हिस्सा मिलेगा।
छोटे भूखंडों पर बसाहट रोकने का इंतजाम
2 एकड़ से अधिक क्षेत्र की ज़मीन को यदि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से अप्रूव लेआउट में बदला जाता है, तो वह ज़मीन स्वतः डायवर्टेड मानी जाएगी। इससे अनियोजित कॉलोनियों और अवैध कब्जों पर रोक लगेगी।
हाउसिंग बोर्ड मकान अब फ्री होल्ड
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड से खरीदे गए मकान अब केवल लीज पर नहीं रहेंगे, बल्कि जमीन के साथ फ्री होल्ड मिलेंगे। इससे लोगों को पूर्ण स्वामित्व का अधिकार मिलेगा।