हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत: महिला कांस्टेबल से बदसलूकी करने वाले ASI की सजा बरकरार

महिला कांस्टेबल से अश्लील हरकत करने के मामले में दोषी पाए गए पुलिस सहायक उपनिरीक्षक (ASI) मुन्नालाल तिवारी को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने मंगलवार को दिए फैसले में निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को बरकरार रखा है और उनकी आपराधिक अपील खारिज कर दी है।

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यह मामला भिंड जिले के पुलिस कंट्रोल रूम का है, जहां 17 जनवरी 2013 को ड्यूटी पर तैनात एक महिला कांस्टेबल के साथ तैनात ASI मुन्नालाल तिवारी ने अश्लील हरकत की थी। पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि जब वह डेली स्टेटस रिपोर्ट देख रही थी, तभी आरोपी ने उसके साथ जबरन छेड़छाड़ की और विरोध करने पर उसका मुंह दबाने की कोशिश की। हालांकि, पीड़िता ने साहस दिखाते हुए शोर मचाया, जिससे अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गए और घटना का खुलासा हुआ।

पीड़िता ने यह भी बताया कि घटना से पहले भी ASI तिवारी लगातार फोन कर अश्लील बातें करता था और मिलने का दबाव बना रहा था। मामले की लिखित शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपी के खिलाफ मोबाइल रिकॉर्डिंग, सीडी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए।

इस मामले में 21 जनवरी 2014 को भिंड के विशेष न्यायाधीश (SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम) की अदालत ने मुन्नालाल तिवारी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। तिवारी ने इस सजा के खिलाफ ग्वालियर खंडपीठ में आपराधिक अपील दायर की थी।

हालांकि, हाई कोर्ट ने मंगलवार को दिए अपने निर्णय में साफ कहा कि निचली अदालत ने सभी साक्ष्यों का उचित विश्लेषण किया है और सजा भी पूरी तरह न्यायसंगत है। इसलिए इसमें किसी भी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

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