महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसाको लेकर विधानसभा में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा. अगर वे कब्र में भी छिपे होंगे तो हम उन्हें कब्र से निकालेंगे. उन्होंने कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
सीएम फडणवीस ने स्पष्ट किया कि जिस चादर को लेकर विवाद हुआ, उस पर कुरान की पवित्र कोई आयतें नहीं लिखी थीं. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने गलत अफवाहें फैलाईं, जिसके चलते स्थिति बिगड़ी. पुलिस ने इस मामले की गहराई से जांच की है और यह पाया गया कि झूठी खबरों के कारण हिंसा भड़की. पुलिस आयुक्त अमितेश सिंहल और उन्होंने जो भी जानकारी दी, वह एक ही थी. इस मुद्दे पर पुलिस और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है.
उन्होंने आगे बताया कि मैंने पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि जो भी नागपुर में हिंसा फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा न जाए. उन्होंने दोहराया कि नागपुर की शांति और सौहार्द को किसी भी कीमत पर नुकसान नहीं होने दिया जाएगा.
बता दें कि नागपुर हिंसा में दर्ज एफआईआर की कॉपी से कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. एफआईआर में 51 आरोपियों को नामजद किया गया है. 10 टीमें उपद्रवियों की तलाश कर रही हैं. एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने भड़काऊ नारे लगाए और झूठी अफवाहें फैलाते हुए कहा- हम पुलिस को अब दिखा देंगे. हम उन्हें या किसी भी हिंदू को नहीं छोड़ेंगे.
नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में आज भी कर्फ्यू जारी है. हालांकि नागपुर में हालात सामान्य हैं. ऐहतियात के दौर पर पुलिस की निगरानी है. मंगलवार रात पुलिस कमिश्नर की अगुआई में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. नागपुर पुलिस इलाकों का जायजा ले रही है. कर्फ्यू खोलने पर जल्द फैसला लिया जा सकता है. नागपुर में सोमवार को अफवाह के बाद दो समुदाय में हिंसक झड़प हुई थी. उपद्रवियों ने कई गाड़ियां फूंक दी थीं.
पुलिस FIR में और क्या-क्या लिखा…
FIR में कहा गया कि घटना के वक्त 500-600 मुस्लिम लोग छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पहुंच गए थे. भीड़ एकत्रित हुई तो पुलिस ने एनाउंस किया कि यहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं. ये नियम विरुद्ध है. आप लोग अपने घर चले जाएं. यह लोग किसी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं थे और एक-दूसरे को उकसाने में लगे थे. पुलिस पर आरोप लगा रहे थे. चिल्ला रहे थे कि अभी पुलिस को दिखाते हैं. इनको और किसी भी हिंदू को छोड़ने का नहीं. इन्होंने ही सारा खेल किया है. इन्होंने ही ये सब किया है. भीड़ उग्र हो गई और पुलिस की तरफ आगे बढ़ने लगी. उस वक्त महिला पुलिस कर्मचारी भी ड्यूटी पर मुस्तैद थीं. घातक हथियार हवा में लहराए. पेट्रोल बम पुलिस वालों की तरफ फेंके.
के साथ गाली-गलौज किया और कहा, तुम हिंदू समाज के पुलिस हो. तुमने जानबूझकर हमारे धर्म के कपड़े जलाने में मदद की. महिला पुलिस कर्मी को बुरी नीयत से छूने की कोशिश की. वहां खड़े वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. इनमें सरकारी वाहन भी हैं. सड़क पर आतंक मचाया. लोगों के घरों पर पत्थर फेंके. होर्डिंग तोड़ दिए और बवाल किया