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Uttar Pradesh: बदायूं में सूर्य कुंड मामले का नहीं हो सका कोई निराकरण, ग्राम पंचायत की ओर से लगाए जा रहे सीसीटीवी कैमरे…

Uttar Pradesh: बदायूं में जामा मस्जिद पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था यह विवाद सुर्खियों में है, वहीं एक और धार्मिक विवाद ने जन्म लिया है यह विवाद प्राचीन सूर्य कुंड मझिया पर शुरू हुआ है. सबसे पहले हाल में हुए विवाद के बारे में समझ लीजिए, आपको बता दें लगभग तीन दिन पूर्व यहां पर बजरंग दल हिंदू संगठन कार्यकर्ता पहुंचे और उन्होंने एक पीपल के चबूतरा को तोड़ कर शिव लिंग और नंदी की मूर्ति जैसे कंकड के पत्थर जैसी मूर्ति को निकाला और पीपल के नीचे स्थापित किया, यहां रह रहे बौद्ध भिक्षुओं को निकाल दिया, इस दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद रही.

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हालांकि इस स्थल पर पूर्व सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव द्वारा बांउड्री बनाने,पूर्व संघ मित्रा मौर्य द्वारा भी स्थल में निर्माण हेतु धन आबंटित किया, बाद में तत्कालीन डीएम दिनेश सिंह के कार्यकाल में यहां पर सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल का रूप देते हुए जीर्णोद्धार किया गया तभी से यहां बौद्ध भिक्षु रहने लगे थे. अब यहां हिन्दू पक्ष मंदिर होना बताता है, मौर्य शाक्य समाज इसे बौद्ध पर्यटन स्थल बताते हैं और यहां के स्थानीय लोग ग्राम पंचायत प्रधान आदि इसे ग्राम समाज की सम्पत्ति और बाबासाहेब डॉ अम्बेडकर का स्थल होने की बात कह रहे हैं.


बौद्ध भिक्षुओं ब मौर्य शाक्य समाज के लोगों ब सम्राट अशोक बौद्ध पर्यटन स्थल ट्रस्ट के लोगों में तीन दिन पहले भिक्षुओं को निकालने की घटना पर रोष है, मालवीय आवास पर प्रदर्शन भी किया. वहीं मझिया ग्राम वासियों ग्राम प्रधान पक्ष और डॉ अंबेडकर संगठन के अनुयायियों में भी इस स्थल पर अधिपत्य बनाने का प्रयास है.


हालांकि इस समय यहां पुलिस का पहरा है, ग्राम पंचायत की ओर से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, लेकिन विवाद अभी भी समाप्त नहीं हुआ है, अब देखना यह होगा कि इस प्राचीन सूर्य कुंड मझिया पर किसका अधिपत्य स्थापित होता है.

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