श्योपुर : जिले मे अज्ञात बीमारी का प्रकोप देखने को मिला है.यहां बीते दो दिनों में कुल चार मौत हो चुकी है.जिसमें एक युवक और तीन मासूम शामिल हैं. हालांकि आदिवासी समाज के लोग स्वास्थ विभाग की टीम पर लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगा रही है.मौत के बाद पहुंची प्रशासन की टीम को ग्रामीणों ने घेरकर जमकर खरी खोटी सुना दी.
हालांकि यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है कि आखिर इन मौतों का कारण क्या है. बताया जा रहा है कि कराहल के आदिवासी क्षेत्र में पानी निकासी नहीं होने के कारण गंदगी और बदबू से लोग परेशान हैं.पंचायत के जिम्मेदारों ने साफ सफाई व्यवस्था पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया. इसके अलावा यहां पर पीएचई विभाग की व्यवस्था पर भी सवालियां निशान खड़े हो रहे है.
पीएचई विभाग के अधिकारियों ने यहां पर पानी गुणवत्ता की जांच नहीं की यहां पर बताया जा रहा है कि इस इलाके में पानी दूषित है.अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद इन मौतों के पीछे पानी बड़ी बजह हो सकती है.क्योंकि यहां जगह जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है.लोगों का आरोप है कि स्वास्थ विभाग,पंचायत प्रशासन से लेकर पीएचई विभाग इन मौतों में संपूर्ण रूप से दोषी है.
लोगों का आरोप है कि पंचायत प्रशासन कराहल की आदिवासी बस्ती में साफ सफाई पर ध्यान नहीं दे रही है. स्वास्थ विभाग की टीम लोगों का उपचार न करते हुए उन्हें अस्पताल से भगा दे रही है. इसके अलावा पीएचई विभाग के अधिकारियों ने अभी तक यहां पर पानी गुणवत्ता की जांच नहीं की. जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर मामले से बेखबर बने हुए है.
दो दिनों में कितनी मौत और कितने बीमार
बीते दो दिनों में दो साल की मासूम 10 माह का मासूम और एक युवक और एक 1 साल के मासूम समेत कुल 4 मौत हो चुकी है. इसके अलावा 20-25 लोग बीमार हैं जिनका उपचार डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है. स्वास्थ विभाग की टीम से लेकर प्रशासन के अधिकारियों की निगरानी में पीड़ितों का उपचार जारी बना हुआ है.
पंचायत ने कराहल की बस्तियों में जलभराव और पानी निकासी का नहीं किया इंतजाम
कराहल में पंचायत के सचिव और सरपंच ने जलभराव और पानी निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं की. जिसके चलते जगह जगह बस्तियों में गंदा पानी और कीचड़ से लगातार संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. इसके अलावा पंचायत के जिम्मेदारों के खिलाफ भी अभी तक जिले के कलेक्टर से लेकर जिला सीईओ ने कोई एक्शन नहीं लिया है.
पीएचई विभाग के अधिकारियों ने पानी गुणवत्ता की जांच नहीं की
गंदे पानी के कारण संक्रमण फैलने की समस्या और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग की उदासीनता एक गंभीर चिंता का विषय है. यहां शुद्ध पेयजल नहीं होने से लोगों को बीमारियों का खतरा बना रहता है। न ही पानी की शुद्धता की जांच अभी तक पीएचई विभाग ने की.
स्वास्थ विभाग की टीम पर लगे लोगों का उपचार नहीं करने के आरोप
कराहल क्षेत्र में आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं. आदिवासी समाज के लोगों ने कई बार प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.उनका आरोप है कि जब आदिवासी समाज के लोग कराहल के अस्पताल में उपचार कराने के लिए जाते हैं तो उनको सही उपचार नहीं मिलता है.
हालांकि अभी तक प्रशासन के द्वारा लोगों द्वारा लगाए जा रहे गंभीर आरोपों पर किसी भी प्रकार कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.