ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ISI के संपर्क में था नोमान, एजेंट ने मांगी थीं कश्मीर की फोटो, जालंधर-अमृतसर ट्रेन की लोकेशन

पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की जांच एजेंसियां मामले की पड़ताल में जुटी हुई हैं. इस बीच देश के अंदर कुछ ऐसे लोग पकड़े गए हैं जो पाकिस्तान के लिए जासूसी का काम कर रहे थे. यू्ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की तरह नोमान इलाही भी पाकिस्तान के लिए जासूसी किया करता था. उसे भी पिछले हफ्ते हरियाणा की एक फैक्ट्री से गिरफ्तार किया गया था. नोमान पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को गोपनीय जानकारी देने का आरोप हैं. साथ ही वह लगातार पाकिस्तान के साथ संपर्क में रहा.

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इस बीच यह जानकारी भी हाथ लगी है कि ISI के एक हैंडलर इकबाल काना और गिरफ्तार भारतीय जासूस नोमान इलाही आपसी चैट्स और वॉइस कॉल के जरिए संपर्क में बने हुए थे. पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों की बातचीत सामने आई है.

नोमान कहता है, साहब प्लीज मुझे माफ कर दो. मेरी क्या गलती है. आप बैठे हो मेरे लिए. इस पर इकबाल कहता है, तू मेरा काम करेगा, अब तू कब करेगा काम. आर्मी के दो प्रिंट दे दे. इस पर नोमान 2 दिन की मोहलत मांगता है और कहता है बस 2 दिन की मोहलत दे दो जनाब.

इकबाल काना उसे निर्देश देते हुए कहता है, “कश्मीर जाओ और केंट की फोटो लेकर आओ.” नोमान ने कहा कि जी जनाब. इकबाल कहता है- Good.

इकबाल काना ने मांगी थी ट्रेनों की लोकेशन

इस बीच इकबाल और नोमान के बीच की एक और वॉइस चैट्स सामने आई है. इसमें इकबाल बोल रहा है कि जम्मू-कश्मीर की तरफ जालंधर और अमृतसर होते हुए जो ट्रेन आती है उनकी लोकेशन भेजो और जाकर देखो उनमें कितने लोग आ रहे हैं. इसके बाद नोमान ने इकबाल को जवाब देकर अपनी वॉइस चैट्स डिलीट कर दी.

पकड़े गए नोमान के पास से कुल 6 पासपोर्ट बरामद हुए हैं. ये सभी भारतीय पासपोर्ट है और सभी में पाकिस्तान की एंट्री है. पाकिस्तान का एक संदिग्ध डाक्यूमेंट भी मिला है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नोमान लगातार ISI के हैंडलर इकबाल काना से बातचीत कर रहा था.

ISI के लिए क्यों बेहद खास था नोमान इलाही

पाकिस्तान में बैठे इकबाल नाम के हैंडलर ने पानीपत की एक फैक्टरी में सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम करने वाले नोमान इलाही को 2 साल पहले ISI के लिए एजेंट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. उसे हरियाणा-पंजाब में एजेंट का बड़ा नेटवर्क खड़ा करने का लक्ष्य भी सौंपा गया था, ताकि भारत की खुफिया जानकारी आसानी से हासिल की जा सके.

नोमान की कई चीजें उसे पाकिस्तानी एजेंट के रूप में तैयार करने में मददगार साबित हुईं. पहला तो यही कि उसके पिता अहसान इलाही की मौत हो चुकी थी. उसके पिता लोगों के पासपोर्ट बनवाने का काम किया करते थे. पिता की मौत के बाद नोमान ने इस काम को करना शुरू कर दिया.

साथ ही वो अपने 6 भाई-बहनों में सबसे छोटा था. सभी की शादी हो चुकी थी, इसलिए उसे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था. तीसरी और सबसे खास बात यह रही कि उसकी बुआ और मौसी पाकिस्तान में रह रही हैं. ऐसे में उसे पाकिस्तान आने-जाने के लिए कोई ज्यादा परेशानी नहीं होनी थी.

फोटो और वीडियो बनाने की भी ट्रेनिंग

पुलिस सूत्रों की मानें तो पकड़े जाने पर जब नोमान के मोबाइल की जांच की गई तो उसमें कई खुफिया जानकारी मिली. ये वीडियो और फोटो के रूप में थी. पानीपत के एसपी ने भी कल प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी पुष्टि भी की थी कि पक्के सबूत मिलने पर ही नोमान को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में यह बात सामने आई है कि नोमान को फोटो और वीडियो कैसे बनानी है और इसे कैसे भेजनी है. पैसे कैसे मिलेंगे, हर चीज की जानकारी ट्रेनिंग के जरिए दी गई थी.

एसपी का कहना है कि नोमान की ट्रेनिंग पाकिस्तान में हुई है या यहीं पर कराई गई, इसकी जांच चल रही है. इसके अलावा जब पानीपत पुलिस ने नोमान को साथ लेकर कैराना में एक जनसेवा केंद्र में दबिश दी, तो वहां बैंक खातों में पाकिस्तान से रुपए मंगवाने के सबूत मिले. इसके अलावा कहा जा रहा है कि नोमन को भी पाकिस्तान का वीजा आसानी से दिलवाने और पैसों का लालच दिया गया था.

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