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विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी, सीबीआई कोर्ट ने लोन डिफॉल्ट केस में की कार्रवाई

मुंबई की एक विशेष अदालत ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) से जुड़े 180 करोड़ रुपये के ऋण चूक मामले में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है. सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.पी. नाइक निंबालकर ने 29 जून को माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया और सोमवार को विस्तृत आदेश की प्रति उपलब्ध कराई गई.

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कोर्ट ने की ये टिप्पणी
68 वर्षीय व्यवसायी के खिलाफ सीबीआई की दलील और “भगोड़े” के रूप में उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए अन्य गैर-जमानती वारंट का हवाला देते हुए, अदालत ने कहा, “यह उनके खिलाफ ओपन-एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी करने का एक उपयुक्त मामला है.”

जानबूझकर की लोन में चूक
मामले की जांच कर रही सीबीआई ने दावा किया है कि बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर ने “जानबूझकर” भुगतान में चूक करके सरकारी बैंक को 180 करोड़ रुपये से अधिक का गलत नुकसान पहुंचाया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका शराब व्यवसायी, वर्तमान में लंदन में रहता है और भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की मांग कर रही है.

यह वारंट सीबीआई द्वारा दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले से संबंधित है. जांच एजेंसी के मुताबिक 2007 और 2012 के बीच तत्कालीन किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा आईओबी से लिए गए ऋण का कथित रूप से दूसरे मद में उपयोग किया गया.

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