‘गैर ब्राह्मण नहीं कर सकते कथा’, देविका पटेल भागवत पढ़ने से रोका था, अब 7 ब्राह्मण युवकों पर FIR

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के पनागर थाना क्षेत्र में कथावाचक देविका पटेल को कथा करने से रोकने का मामला तूल पकड़ चुका है. इस मामले में पुलिस ने सात ब्राह्मण युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. बीते दिनों रैपुरा गांव में जब देविका पटेल कथा वाचन के लिए पहुंचीं, तो गांव के कुछ युवकों ने उन्हें कथित रूप से गैर-ब्राह्मण होने का हवाला देते हुए कथा करने से रोकने का प्रयास किया था.

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देविका पटेल ने कहा कि युवकों ने उन्हें और उनके पिता को भी धमकियां दी थीं. आरोपियों ने कथावाचक देविका पटेल को कथित रूप से यह कहकर रोका कि कथा वाचन केवल ब्राह्मणों का अधिकार है. इतना ही नहीं, कथावाचक को यह भी कहा गया कि अगर वह कथा करना चाहती हैं, तो पहले किसी ब्राह्मण युवक से विवाह करें. इस घटना के बाद जबलपुर समेत मध्य प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हुए. जिसके बाद पुलिस की सुरक्षा में देविका की कथा हुई.

पुलिस ने सात दिन बाद दर्ज की एफआईआर

वहीं देविका का कहना है कि घटना की शिकायत पनागर थाने में की थी, लेकिन सात दिन बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इस देरी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था, जिसके चलते गांव के लोगों ने बीते दिन दोबारा थाने तक जुलूस निकाला. इसके साथ ही इस विवाद को लेकर दलित, पिछड़ा वर्ग और अन्य संगठनों में आक्रोश देखा गया. एससी/एसटी, ओबीसी महासभा और भीम आर्मी ने मिलकर इस मुद्दे को उठाया और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की.

एसपी ने क्या कहा?

एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने कहा कि पुलिस ने पूरे मामले की गंभीरता से जांच की और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. जिसमें पुलिस ने सचिन तिवारी, सुरेंद्र तिवारी, सचिन मिश्रा, जयकुमार, पवन तिवारी, ईलू तिवारी और लल्ला दुबे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 296 (धार्मिक अनुष्ठान में बाधा डालना), धारा 351(2) (धमकी देना) और धारा 3(5) के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

कथावाचक देविका पटेल ने क्या कहा?

देविका पटेल ने कहा कि धर्म और आध्यात्म किसी जाति विशेष की संपत्ति नहीं है. हर व्यक्ति को भक्ति और कथा करने का अधिकार है. मुझे मेरे समाज और गांव के लोगों का समर्थन मिला, जिसके लिए मैं आभारी हूं. यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता और जातिगत भेदभाव को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ चुकी है. सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. अब देखना होगा कि पुलिस की कार्रवाई कितनी प्रभावी होती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है.

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