तोमर ब्रदर्स पर शिकंजा..निगम अफसर घर पहुंचे, दस्तावेज मांगे:जोन कमिश्नर बोले- मकान निर्माण परमिशन की जांच होगी

रायपुर के हिस्ट्रीशीटर रोहित और वीरेंद्र तोमर पर शिकंजा और कसता जा रहा है। कुछ दिन पहले उनके घर से पुलिस ने लाखों रुपए कैश, सोने-चांदी के जेवरात और हथियार बरामद किए थे। अब रविवार को निगम अफसर भी उनके घर पहुंचे।

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निगम की टीम ने तोमर ब्रदर्स के परिजनों से मकान निर्माण और टैक्स संबंधित दस्तावेजों की मांग की। इसके कुछ देर बार दस्तावेज लेकर टीम चली गई। दोनों भाई पिछले 7 दिन से फरार हैं।

जोन 8 के कमिश्नर हितेंद्र यादव ने बताया कि इन दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उनके पास कितनी अनुमति है और मकान कितने में बना है? यानी अगर घर निर्माण में कुछ अवैध निकलता है तो घर पर भी कार्रवाई हो सकती है।

इसके अलावा आयकर विभाग की टीम अलग जांच कर रही है। वीरेंद्र और रोहित के पास कुल कितनी संपत्ति है? दोनों भाई कितनी संपत्तियों का टैक्स दे रहे हैं? कितनी प्रॉपर्टी बेनामी है? इन सभी सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं।

कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे आवाजी कारतूस

सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के परिजनों से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। पुलिस ने आरोपियों के घर से सामान जब्त करने के दौरान अवैध हथियार और आवाजी कारतूस जब्त किए थे।

जांच अधिकारियों को आशंका है, कि आवाजी कारतूस का इस्तेमाल हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधु कर्जदारों को डराने के लिए इस्तेमाल करते थे।

भतीजा दिव्यांश बोला- सब चाचा को पता

हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर के घर से पुलिस ने 37 लाख से ज्यादा नकद, 734 ग्राम सोने के जेवरात, 125 ग्राम चांदी, 4 गाड़ियां, आई-पेड, लैपटॉप, चेक एटीएम कार्ड, डी.व्ही.आर., ई-स्टाम्प जब्त किया था।

इसके अलावा पैसों के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर, जमीनों के दस्तावेज, नोट गिनने का मशीन, 5 तलवार, 1 रिवाल्वर, 1 पिस्टल, जिंदा राउंड और आवाजी कारतूस भी बरामद किए गए थे।

पुलिस ने सामान जब्त करने के साथ ही वीरेंद्र और रोहित के भतीजे दिव्यांश प्रताप तोमर को भी रिमांड में लिया था। दिव्यांश से 2 दिन दस्तावेज दिखाकर पुलिस ने पूछताछ की, लेकिन उसने सब चाचा को पता है बोलकर जानकारी नहीं दी।

मददगारों की जानकारी जुटा रही पुलिस

शहर में अंडा ठेला लगाने वाला इतना बड़ा सूदखोर कैसे बना? इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसके मददगार की कुंडली निकालेगी। कुंडली निकालने की शुरुआत जेल से होगी। वीरेंद्र तोमर 2006 में कारोबारी पर चाकू से हमला किया था। 2013 में हत्या का केस दर्ज हुआ था।

इस दौरान जेल गया था और पहले से जेल में बंद दूसरे राज्यों के कुछ अपराधियों से मेल मुलाकात बढ़ी। जेल से छूटने के बाद वीरेंद्र ने ब्याज में पैसे देने का काम शुरू किया था। इसके बाद उसके खिलाफ कई और मुकदमे दर्ज हुए।

जेल के अंदर और जेल के बाहर वीरेंद्र और रोहित की मदद करने वालों की जानकारी पुलिस जुटा रही है। मददगारों के अलावा वीरेंद्र और रोहित के खास गुर्गे, जिनके पास उनकी संपत्ति हो सकती है, उनका पता भी जांच एजेंसी लगा रही है।

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