गौतम गंभीर नहीं, इस दिग्गज के इशारे पर शुभमन गिल को बनाया गया कप्तान, अब जाकर सामने आया नाम

शुभमन गिल को टीम इंडिया का नया टेस्ट कप्तान बनाया गया है. वो भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी करने वाले 37वें कप्तान होंगे. इंग्लैंड दौरे से वो टीम की कमान संभालने वाले हैं. कप्तानी की रेस में केएल राहुल, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे बड़े नाम भी शामिल थे. बीसीसीआई ने काफी मंथन करने के बाद गिल को इस पद के लिए चुना. ऐसा दावा किया जा रहा था कि इस फैसले के पीछे टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर का हाथ था. उन्होंने ही बोर्ड को मनाया. लेकिन अब जाकर खुलासा हुआ है कि गंभीर नहीं बल्कि टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ के इशारे पर गिल को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपी गई.

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BCCI ने राहुल द्रविड़ से की बात

शुभमन गिल को कप्तान बनाने के पीछे टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ ने बड़ी भूमिका निभाई. उनसे बात करने के बाद ही गिल के नाम पर मुहर लगी. दरसअल, रोहित शर्मा के संन्यास के बाद पहले जसप्रीत बुमराह के नाम पर चर्चा हुई. लेकिन वर्कलोड और मेडिकल टीम की सलाह पर वो रेस से बाहर हो गए.

इसके बाद जब टीम इंडिया के सेलेक्टर्स भारत के अगले टेस्ट कप्तान के रूप में शुभमन गिल और ऋषभ पंत के बीच विचार-विमर्श कर रहे थे तो उन्होंने द्रविड़ की राय मांगी. इस दौरान उन्होंने गिल की लीडरशिप की खूब तारीफ की. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट मुताबिक, द्रविड़ के फीडबैक ने ही टेस्ट में 35 का औसत होने के बावजूद गिल को कप्तान बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई.

बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, “सेलेक्टर्स ने द्रविड़ से बात की क्योंकि उन्होंने गिल को शुरू से ही देखा था और अंडर-19 के साथ सीनियर टीम में उन्हें कोचिंग भी दे चुके थे. उन्होंने एक लीडर के तौर पर गिल की क्षमता के बारे में कई अच्छी बातें कहीं.” अब अगरकर, द्रविड़ और लाखों भारतीय क्रिकेट फैंस को उम्मीद होगी कि गिल उनके विश्वास पर खरे उतरेंगे.

कई साल द्रविड़ की निगरानी में रहे गिल

शुभमन गिल कई साल तक राहुल द्रविड़ की निगरानी में रहे हैं. द्रविड़ ने 18 साल की उम्र से ही कोचिंग दी है. दोनों का साथ 2017 में शुरू हुआ था. शुभमन गिल द्रविड़ की कोचिंग वाली भारत की अंडर-19 टीम का हिस्सा थे. दोनों ने साथ में खिताब जीता. फिर दोनों गिल ने 2019 में भारत के लिए डेब्यू किया. वहीं राहुल द्रविड़ 2021 में टीम इंडिया के हेड कोच बने. इसके बाद खिलाड़ी और कोच के तौर पर एक बार फिर दोनों ने साथ में तीन साल बिताया.

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