देश की राजधानी दिल्ली में मैनेजमेंट संस्थान में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को आगरा से गिरफ्तार कर उसके फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया है. खुद को आध्यात्मिक गुरू बताने वाले इस बाबा ने अपनी पहचान छिपाने और लोगों को गुमराह करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के फर्जी आई-कार्ड और विजिटिंग कार्ड बनवा रखे थे. आगरा में गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार होने की कोशिश करते बाबा का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है.
धौंस दिखाने के लिए फर्जी कार्ड
अब पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद के पास से दो विजिटिंग कार्ड बरामद किए हैं जो पूरी तरह से फर्जी हैं. पहले कार्ड में ये ढोंगी बाबा खुद को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का स्थायी राजदूत यानी ‘Permanent Ambassador’ बताता था. यह कार्ड बेहद प्रोफेशनल तरीके से बनाया गया था ताकि कोई भी आसानी से धोखे में आ जाए.
दूसरे कार्ड में स्वामी चैतन्यानंद ने खुद को ब्रिक्स (BRICS) देशों के संयुक्त आयोग का सदस्य और भारत का ‘Special Envoy’ बताया हुआ था. इस कार्ड का इस्तेमाल बाबा अपने प्रभाव और पहुंच दिखाने के लिए करता था.
पुलिस जांच में सामने आया है कि स्वामी चैतन्यानंद इन कार्ड्स के दम पर आम लोगों से लेकर खास लोगों तक पर धौंस जमाता था और अपनी छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली व्यक्ति की तरह पेश करता था.
पुलिस की रडार पर आए स्वामी चैतन्यानंद के कई करीबी
दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस बाबा की गतिविधियों को लेकर पहले से ही कई शिकायतें मिली थीं. इन शिकायतों में स्वामी चैतन्यानंद पर झूठे दावे कर लोगों से विश्वास जीतने और लाभ लेने का आरोप लगाया गया था. फिलहाल पुलिस ने फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या बाबा ने इन फर्जी पहचान पत्रों के जरिए किसी बड़े आर्थिक या राजनीतिक लाभ की कोशिश की थी. साथ ही, उसके अनुयायियों और समर्थकों को भी पुलिस पूछताछ के दायरे में ला रही है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके. फर्जी अंतरराष्ट्रीय पदवी और पहचान के सहारे बाबा चैतन्यानंद सरस्वती कैसे लोगों को प्रभावित करता था, यह अब पुलिस की तहकीकात से सामने आएगा.