पिछले कुछ सालों में बैंक, FD और सरकारी योजनाओं से पैसा निकालकर लोगों ने म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार में निवेश बढ़ाया है. कोई स्टॉक में निवेश कर रहा है तो कोई हर महीने SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा है. शेयर बाजार में निवेश का ये आंकड़ा हर महीने बढ़ रहा है, लेकिन अब शेयर मार्केट में ही एक और निवेश विकल्प तेजी से उभर रहा है.
नए निवेश विकल्प में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है. तेजी से उभरने वाला यह निवेश विकल्प ETF है. ईटीएफ में निवेश का आंकड़ा महीने दर महीने तेजी से बढ़ रहा है. इसे SIP की तुलना में ज्यादा तेजी से ग्रो होते हुए देखा जा रहा है.
गोल्ड ईटीएफ को छोड़कर भारत में जुलाई महीने के दौरान ETF में 4,476 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो जून के 844 करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा है. यह डेटा AMFI (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) के सोर्स पर बेस्ड है. ईटीएफ निवेश में इतनी बड़ी ग्रोथ SIP म्यूचुअल फंड से ज्यादा है. वहीं जुलाई 2025 में भारत में Gold ETF में नेट इन्वेस्टमेंट 1256 करोड़ रुपये रहा, जो जून 2025 के 2,080.9 करोड़ रुपये से कम है.
SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में कितना निवेश?
वहीं SIP (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) की बात करें तो जुलाई में SIP निवेश पहली बार 28,464 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जो जून के 27,269 करोड़ रुपये से अधिक है. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM जुलाई में 75.10 से 75.36 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्पर पर पहुंच गया. साल दर साल AUM में 16% की वृद्धि हुई है.
जुलाई महीने के दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड में नेट इन्वेस्टमेंट 42,702 करोड़ रुपये रहा, जो जून 2025 के 23,587 करोड़ रुपये की तुलना में 81% अधिक था. यह लगातार 53वां महीना है, जब इक्विटी फंड्स में पॉजिटिव निवेश देखा गया है.
ETF में अचानक क्यों हो रही इतनी ग्रोथ?
- म्यूचुअल फंड में निवेश पर कई तरह के चार्ज लगते हैं, जबकि ईटीएफ में निवेश पर मैनेजमेंट चार्ज और परिचालन व्यय कम होता है.
- फंड में निवेश पर यह लिक्विडिटी कम होती है. आपका पैसा कहां लगेगा और कहां नहीं, इसकी जानकारी नहीं होती है, जबकि ETF में आप अपनी मर्जी से आसानी से स्टॉक्स या स्पेशल सेक्टर वाले ईटीएफ में लगा सकते हैं.
- ईटीएफ स्टॉक की तरह ही ट्रेड करते हैं और इसमें जब चाहें, जितना पैसा चाहें उतना निकाल और निवेश कर सकते हैं.
- किसी फंड की तुलना में ईटीएफ को चुनना ज्यादा आसान होता है. नियम और प्रॉसेस के मामले में यह ज्यादा आसान है.
- वहीं देखा गया है कि ईटीएफ ने म्यूचुअल फंड की तुलना में ज्यादा रिटर्न दिया है और स्टॉक की तुलना में ज्यादा सिक्योर है.