मध्य प्रदेश : जबलपुर जिले में सबसे बड़ा नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल अवैध वसूली और दलालो का अड्डा बन गया है मेडिकल अस्पताल में एंबुलेंस से लेकर इलाज के साथ मरीजों की होने वाली जांच भी प्राइवेट कराई जा रही है अस्पताल में आने वाले मरीज के परिजन इन परेशानियों का सामना कर रहे हैं, बही अस्पताल में लगाई गई सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं मेडिकल अस्पताल की सुरक्षा में तैनात बाउंसर और सिक्योरिटी गार्ड खुलेआम मेडिकल अस्पताल में गुंडागर्दी करते नजर आती है वहीं मेडिकल अस्पताल के अधिकारी चुपचाप खामोश बैठे नजर आ रहे है.
नेताजी सुभाषचंद्रबोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल का परिसर एक गरीब मजदूर बुजुर्ग के लिए उम्मीद का दरवाजा नहीं, ठगी और उपेक्षा का अंधेरा बन गया.दमोह जिले के हटा निवासी तातु चमार (65) अपनी पत्नी रामरानी और बीमार बेटे बलराम (20) के इलाज के लिए 3 अगस्त को जबलपुर आए थे.गरीबी, अनभिज्ञता और व्यवस्था के अभाव में इलाज न हो पाने से पहले ही परेशान यह परिवार 6 अगस्त की शाम और भी बड़ी मुसीबत में फंस गया.
रिपोर्ट दिलाने का दिया झांसा-
शाम करीब 6 बजे डीन ऑफिस के पास टहलते हुए तातु को एक स्कूटी सवार युवक ने रोका, झांसा दिया कि वह रिपोर्ट दिलवा देगा.भरोसा दिलाकर बुजुर्ग को स्कूटी में बैठाया, 500 लिए और गेट के पास उतारकर फिर 500 और ले लिए। इसके बाद वह युवक गायब हो गया.
मोक्ष ने कराई भोजन, रुकने की व्यवस्था-
अशिक्षित, लाचार बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ बदहवास हालत में कैंपस में रोते-बिलखते मदद मांगते रहे.मोक्ष मानव सेवा समिति के आशीष ठाकुर ने जब यह देखा तो न केवल भोजन और ठहरने की व्यवस्था कराई, बल्कि मेडिकल की लचर व्यवस्था पर भी सवाल उठाए.
कैंपस में सक्रिय नशेड़ी, ठग-
मोक्ष समिति का कहना है कि वे पूर्व में भी कई बार मेडिकल प्रबंधन को कैंपस में सक्रिय नशेड़ी, ठग और आवारा तत्वों के खिलाफ चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन न सुरक्षा पुख्ता हुई और न निगरानी.