बॉलीवुड में इन दिनों नेशनल अवॉर्ड को लेकर जोरदार बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर कई लोग कह रहे हैं कि यह अवॉर्ड शाहरुख खान को नहीं बल्कि दिग्गज अभिनेता मनोज बाजपेयी को मिलना चाहिए था। इस बहस ने इतना तूल पकड़ा कि खुद मनोज बाजपेयी को भी प्रतिक्रिया देनी पड़ी।
मनोज बाजपेयी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि लोग उनके काम को इतना सराह रहे हैं और उनकी मेहनत को पहचान मिल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें किसी अवॉर्ड से शिकायत नहीं है और न ही वे दूसरों की सफलता पर सवाल खड़े करना चाहते हैं। उनके मुताबिक, कलाकार का असली पुरस्कार दर्शकों का प्यार और सम्मान होता है।
सोशल मीडिया पर चल रही बहस में कई यूजर्स ने लिखा कि मनोज बाजपेयी ने अपनी फिल्मों में जितनी विविधता और गहराई दिखाई है, वह उन्हें खास बनाती है। वहीं शाहरुख खान को उनकी लोकप्रियता और स्टारडम के कारण ज्यादा तवज्जो दी जाती है। लोगों का कहना है कि नेशनल अवॉर्ड जैसे सम्मान को केवल अभिनय के आधार पर दिया जाना चाहिए, न कि लोकप्रियता के आधार पर।
मनोज बाजपेयी ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अवॉर्ड मिलना या न मिलना किसी कलाकार के काम को कम या ज्यादा नहीं करता। उन्होंने बताया कि वे हमेशा चुनौतीपूर्ण और दमदार भूमिकाएं निभाना पसंद करते हैं और यही उनकी असली पहचान है।
फिल्म समीक्षकों का मानना है कि यह बहस नई नहीं है। अक्सर लोकप्रिय सितारों और गंभीर अभिनेताओं के बीच तुलना होती रही है। शाहरुख खान ने भी अपने करियर में कई यादगार भूमिकाएं निभाई हैं, वहीं मनोज बाजपेयी को अभिनय का स्कूल माना जाता है। दोनों की अलग-अलग शैली और दर्शक वर्ग है।
मनोज बाजपेयी ने अंत में कहा कि उन्हें अपने दर्शकों से जो प्यार और सराहना मिलती है, वही उनके लिए सबसे बड़ा नेशनल अवॉर्ड है। उन्होंने चाहने वालों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे आगे भी अच्छा काम करने की पूरी कोशिश करेंगे।