केंद्र सरकार के बजट में बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश को सीधे तौर पर कुछ नहीं मिला है. हालांकि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से इस राज्य को डेढ़ लाख करोड़ से भी अधिक का फायदा होने वाला है. खासतौर पर प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान से अन्य राज्यों की अपेक्षा मध्य प्रदेश को ज्यादा फायदा मिलेगा. इस योजना में 65 हजार गांवों के करीब 5 करोड़ लोगों को लाभांवित करने का लक्ष्य है. इनमें से 24 जनजातियों की डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी मध्य प्रदेश के ही 89 ब्लाकों में रहती है.
इसी प्रकार केंद्रीय करों में भी मध्य प्रदेश को बड़ी हिस्सेदारी मिलने वाली है. मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के मुताबिक केंद्रीय करों में से मध्य प्रदेश को पहले महज 95 हजार करोड़ रुपये ही मिलने की उम्मीद थी. लेकिन इस बजट के प्रावधानों के चलते यह राशि बढ़ कर अब 97 हजार 905 करोड़ हो गई है. इसी प्रकार केंद्रीय सहायता अनुदान में से भी मध्य प्रदेश को 44 हजार 892 करोड़ मिलेगा. वहीं विशेष पैकेज में से मध्य प्रदेश को 11 हजार करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिलने की उम्मीद है. केंद्र के दलहन-तिलहन मिशन का लाभ भी मध्य प्रदेश को मिलने की पूरी उम्मीद है.
मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती की संभावना
पिछले कुछ समय में दलहन और तिलहन फसलों का रकबा राज्य में बढ़ा है. केंद्र सरकार के इस मिशन की वजह से इसमें और भी ग्रोथ होने की उम्मीद है. इसी प्रकार प्राकृतिक खेती की संभावना भी मध्य प्रदेश में काफी है. इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग की सुविधा होने से मध्य प्रदेश को खासा लाभ मिलेगा. यही नहीं, देश में प्रस्तावित 10 हजार बायो रिसर्च सेंटर में से ज्यादातर मध्य प्रदेश में ही बन सकते हैं. इसी प्रकार इंडस्ट्रियल कारीडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम, इंडस्ट्रियल पार्क, क्रिटिकल मिनरल मिशन से भी मध्य प्रदेश को ही सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है.
सीएम ने की बजट की समीक्षा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही अपना बजट भाषण पूरा किया, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तत्काल अपने मंत्रियों और उच्चाधिकारियों की बैठक बुला ली. उन्होंने इस बैठक में बजट की समीक्षा की और अधिकारियों को ऐसी योजना तैयार करने को कहा, जिसमें केंद्रीय बजट का अधिक से अधिक लाभ मध्य प्रदेश को मिल सके. इस बैठक के बाद सीएम ने कहा कि इस बजट से मध्य प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ने में गति मिलेगी. इस बजट में केंद्र सरकार ने कृषि, रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और आर्थिक विकास के साथ समावेशी मानव संसाधन विकास पर फोकस किया है.