देश में पुराने और यूज्ड वाहनों का मार्केट (Old And Used Vehicle) काफी बढ़ गया है. तमाम कंपनियां पुराने वाहनों को कम दाम पर सेल कर रही है, लेकिन इन ओल्ड व्हीकल्स की बिक्री पर लगने वाले टैक्स को लेकर शनिवार को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की राजस्थान के जैसलमेर में आयोजित 55वीं बैठक में बड़ा फैसला लिया गया. दरअसल, जीएसटी काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) समेत पुराने वाहनों की बिक्री पर टैक्स में इजाफा किए जाने पर सहमति बन गई है. इसे 12 फीसदी से बढ़ाकर अब 18 फीसदी करने पर सहमति बनी है.
काउंसिल की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर
बिजनेस टुडे पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक, बदले गए GST Rates कंपनियों या फिर डीलर्स द्वारा बेची गई पुरानी कारों से जुड़े लेन-देन पर लागू होंगे. मतलब काउंसिल द्वारा ये संशोधित रेट्स मार्जिन के साथ बेचे जाने वाले और इससे सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों द्वारा खरीदे जाने वाले वाहनों पर लागू होते हैं. हालांकि, पुराने वाहन बेचने या खरीदने वाले व्यक्तियों पर 12 फीसदी की दर से ही टैक्स लागू रहेगा. यानी इंडिविजुल खरीदारों और विक्रेताओं पर कोई असर नहीं होगा.
इंजन और लंबाई के हिसाब से टैक्स
मौजूदा रेट्स की बात करें, तो 1200CC या उससे अधिक की इंजन क्षमता और 4000MM या उससे अधिक की लंबाई वाले पेट्रोल, LPG या CNG से चलने वाले वाहनों के लिए 18%, 1500 सीसी या उससे अधिक की इंजन क्षमता और 4000 मिमी या उससे अधिक की लंबाई वाले डीजल वाहनों के लिए 18%, और 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) के लिए 18% लगता है. ऐसे में जीएसटी काउंसिल द्वारा इस कैटेगरी के ओल्ड और यूज्ड वाहनों के लिए GST Rates को बढ़ाकर 18% करने का फैसला बड़े वाहनों और एसयूवी के लिए मौजूदा कर ढांचे के अनुरूप है. बदलाव के मुताबिक, अब पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) सहित अन्य 12% टैक्स वाले वाहन, व्यवसायों द्वारा दोबारा बेचे जाने पर 18% के ब्रैकेट मे शामिल होंगे.
FM सीतारमण की अध्यक्षता में बैठक
GST Council की बैठक राजस्थान के जैसलमेर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हो रही है. जिसमें तमाम राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं. बता दें कि बैठक से पहले बीते दिनों जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटि ने ओल्ड और यूज्ड वाहनों पर माल और सेवा कर (GST) दर को 12% से बढ़ाकर 18% करने की सिफारिश की थी. अब तक इन वाहनों पर सप्लायर के मार्जिन के आधार पर जीएसटी लागू किया जाता है, जिससे टैक्स का बोझ अपेक्षाकृत कम हो जाता है.
पुरानी EV की सेल पर पड़ सकता है असर!
नए ईवी व्हीकल (EV Vehicle) पर अभी 5 फीसदी जीएसटी लगता है, ताकि इस सेक्टर में ग्रोथ लाई जा सके, लेकिन अब पुरानी इलेक्ट्रिक कारों की रि-सेल पर 18% जीएसटी पर सहमति बनी है, तो इससे सेकेंड-हैंड ईवी ग्राहकों के बीच इसका आकर्षण कम हो सकता है और इससे डिमांड में कमी आ सकती है. सेकेंड हैंड वाहनों की मरम्मत और रखरखाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इनपुट पार्ट्स और सर्विसेज पर पहले से ही 18% की जीएसटी दर लागू होती है.