अब पवन खेड़ा की पत्नी के दो वोटर आईडी पर अमित मालवीय ने घेरा

बीजेपी प्रवक्ता अमित मालवीय ने एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा पर निशाना साधा है. इस बार उन्होंने पवन खेड़ा की पत्नी कोटा नीलिमा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने दावा किया है कि कोटा नीलिमा, जो तेलंगाना की खैराताबाद विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रह चुकी हैं. दावा है कि उनके पास दो अलग-अलग EPIC Voter ID सक्रिय हैं.

मालवीय ने अपने X पोस्ट में लिखा कि कोटा नीलिमा का नाम तेलंगाना और दिल्ली दोनों जगह वोटर लिस्ट में दर्ज है. उनके मुताबिक, नीलिमा का पहला EPIC नंबर (TDZ2666014) खैराताबाद विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में 2023 के हलफनामे और वोटर रोल में मौजूद था. इसमें उनका नाम कोटा नीलिमा, पति का नाम पवन खेड़ा, भाग संख्या 214 और सीरियल नंबर 314 दर्ज है.

बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि यही EPIC नंबर 2025 में भी सक्रिय था, जिसमें उनका नाम कोटा नीलिमा, पति का नाम पवन खेड़ा और सीरियल नंबर 752 दिखाया गया है. यह एंट्री खैराताबाद विधानसभा क्षेत्र के गौरी शंकर नगर वेलफेयर एसोसिएशन वाले भाग में दर्ज है.

दिल्ली में भी वोटर के रूप में दर्ज है कोटा नीलिमा का नाम!

अमित मालवीय का आरोप है कि यह यहीं तक सीमित नहीं है. कोटा नीलिमा का एक और EPIC नंबर (SJE0755975) दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी दर्ज है. यहां उनका नाम के. नीलिमा, पति का नाम पवन खेड़ा, विधानसभा क्षेत्र न्यू दिल्ली (40), भाग संख्या 78 और सीरियल नंबर 821 के साथ शामिल है.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यह साफ है कि कांग्रेस नेताओं के पास कई EPIC नंबर हैं और वे एक से ज्यादा जगहों पर वोटर के रूप में दर्ज हैं. यह कोई संयोग नहीं बल्कि सुनियोजित ‘वोट चोरी’ है. मालवीय ने कहा कि जो लोग आम नागरिकों पर गलत आरोप लगाते हैं, वही वास्तव में लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं.

अमित मालवीय ने फिर सोनिया गांधी पर लगाए आरोप

अमित मालवीय ने यह भी कहा कि यह भ्रष्टाचार केवल पवन खेड़ा और उनके परिवार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसकी जड़ें कांग्रेस नेतृत्व तक जाती हैं. मालवीय ने सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि 1980 में, जब वे इटली से थीं, तब भी उनका नाम भारत की वोटर लिस्ट में शामिल करवा लिया गया था.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि यही वजह है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन हमेशा अवैध प्रवासियों और गैर-भारतीयों का बचाव करते हैं. यह लोकतंत्र की रक्षा की बात नहीं, बल्कि उनके वोट बैंक को बचाने की कोशिश है. उन्होंने राहुल गांधी से सवाल किया कि वे इस मामले पर चुप क्यों हैं. साथ ही, चुनाव आयोग से मांग की कि वह इस पूरे प्रकरण की जांच करे.

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