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शेख हसीना को याद कर अब रो रहे होंगे बांग्लादेशी, यूनुस सरकार ने कर दिया जीना हराम

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से बुरे दिन शुरू हो चुके हैं. देश में महंगाई आसमान छू रही है और इससे निजात पाने का फिलहाल कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. मोहम्मद यूनुस की सरकार को 3 महीने हो चुके हैं और इस बीच महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है.

बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक महंगाई दर बीते 3 महीनों के उच्चतम स्तर पर है. अगस्त में 10.49 और सितंबर में 9.92 फीसदी के बाद अक्टूबर महीने में महंगाई दर 10.87 फीसदी तक पहुंच गई है.

बांग्लादेश में डबल डिजिट में महंगाई दर

इससे पहले हिंसक आंदोलन के दौरान जुलाई में महंगाई दर 11.66 फीसदी तक बढ़ गई थी. शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में इस साल 7 महीनों में से जुलाई के अलावा बाकी सभी 6 महीनों में महंगाई दर 10 फीसदी से नीचे यानी सिंगल डिजिट में ही रही लेकिन यूनुस सरकार के आते ही यह 3 महीने में दो बार डबल डिजिट को पार कर चुकी है.

अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर भी सितंबर की तुलना में 2 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 12.66 फीसद तक पहुंच गई. वैसे तो कोरोना महामारी के बाद से ही बांग्लादेश में महंगाई बढ़ रही है, लेकिन पिछले साल मार्च से महंगाई दर 9 फीसदी से ज्यादा ही रही है. हालांकि शेख हसीना सरकार ने इस साल के शुरुआती 6 महीनों में महंगाई दर को नियंत्रित रखने में काफी हद तक कामयाबी हासिल की थी लेकिन जून के अंत में हुए आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण जुलाई में महंगाई अचानक से बढ़ गई.

महंगाई को लेकर यूनुस सरकार की अहम बैठक

अंतरिम सरकार में बीते 3 महीने में ही 2 बार महंगाई दर डबल डिजिट को पार कर चुकी है. महंगाई दर को काबू करने के लिए अंतरिम सरकार ने गुरुवार को एक बैठक की. अंतरिम सरकार के वित्त-वाणिज्य मंत्री सलेहउद्दीन अहमद, प्लानिंग एंड एजुकेशन एडवाइजर वहीदुद्दीन महमूद और पावर, एनर्जी एंड मिनरल रिसोर्स एडवाइजर मोहम्मद फौजुल कबीर खान समेत कई अधिकारी बैठक में शामिल रहे.

सरकार ने फैसला किया है कि बांग्लादेश के एक करोड़ परिवारों को फैमिली कार्ड पर मिलने वाले चावल की मात्रा को दोगुना कर दिया जाएगा, साथ ही बाजार निगरानी की रणनीति में बदलाव किया जाएगा जिससे महंगाई को काबू किया जा सके.

12-18 महीनों में कम होगी महंगाई !

बांग्लादेश बैंक के गवर्नर अहसान एच. मंसूर ने बैठक के बाद कहा है कि ग्लोबल मार्केट की स्थिति को देखते हुए घरेलू स्तर पर किए गए उपायों से महंगाई कम होगी. हालांकि इसमें काफी वक्त लग सकता है. उन्होंने कहा कि आम तौर पर मौद्रिक नीति को सख्त करने के लिए उठाए गए कदमों से 12 से 18 महीने में महंगाई के नियंत्रण पर प्रभाव पड़ता है. मंसूर ने कहा कि हमें धैर्य रखने की जरूरत है और नीतियों को भी काफी धैर्य के साथ लागू करना होगा.

बांग्लादेश बैंक के गवर्नर के इस बयान से समझा जा सकता है कि जनता को महंगाई से राहत फिलहाल नहीं मिलने वाली है, अगर सब कुछ ठीक रहा तो हो सकता है एक से डेढ़ साल बाद इसमें कुछ कमी आए लेकिन यूनुस सरकार की नीति और नियत को देखते हुए यह मुश्किल ही लगता है.

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