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अब अनिल अंबानी के हाथ से फिसला Big FM, बिकने वाली है कंपनी… NCLT की लगी मुहर!

अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप की एक और कंपनी की हालत बहुत बेकार हो चुकी है. यह कंपनी कई दिनों से संकट से जूझ रही है और दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. कंपनी पर भारी कर्ज है. साथ ही अपने बिजेनस का संचालन करने के लिए कैश की भी कमी है. अब राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) की कंपनी के लिए सफायर मीडिया के रिजॉल्‍यशन प्‍लान को मंजूरी दे दी है.

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रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) की यह कंपनी रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क (Reliance Broadcast Network Ltd) Big FM नाम से एफएम रेडियो का बिजनेस करती है, जिसे बिग 92.7 FM के नाम से भी जाना जाता है. रिलायंस ब्रॉडकास्‍ट के 1 से 5 हजार कर्मचारी हैं. यह कंपनी 2007 में स्‍थापित हुई थी.

दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही कंपनी

रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क के इस एफएम बिजनेस के लिए सफायर मीडिया ने रिजॉल्युशन प्लान पेश किया था. यह प्लान 260 करोड़ रुपये से थोड़ा बड़ा है. सफायर मीडिया के प्लान को एनसीएलटी की मुंबई बेंच ने मंजूरी प्रदान कर दी है. बिग एफएम फरवरी 2023 से दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रहा है. दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) 2016 की शुरुआत की गई थी और रोहित मेहरा को रिजॉल्‍युशन प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्‍त किया गया था.
सफायर मीडिया पेश किया था रिजॉल्‍युशन प्‍लान

बिग एफएम के लेनदारों की एक समिति भी नियुक्त की गई, जिसने 11 नवंबर, 2023 को दिवाला और दिवालियापन संहिता के प्रावधानों के अनुसार 88.97% की वोटिंग हिस्सेदारी के साथ सफायर मीडिया लिमिटेड की समाधान योजना को मंजूरी दी थी. इसके बाद से एनसीएलटी मुंबई में आवेदन दाखिल किया गया और सफायर मीडिया लिमिटेड की समाधान योजना की मंजूरी मांगी गई थी.

50 हजार से ज्‍यादा गांवों तक पहुंच

एनसीएलटी के आदेश में निगरानी समिति को समाधान योजना की निगरानी करने और समय-समय पर स्थिति पेश करने का भी निर्देश दिया गया. बिग 92.7 एफएम 58 स्टेशनों और 1,200 से अधिक कस्बों और 50,000 से अधिक गांवों तक पहुंच के साथ देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क के रूप में , ब्रांड सफायर मीडिया की अखिल भारतीय उपस्थिति को मजबूत करेगा.

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