अब मध्य प्रदेश में बीपीएल कार्ड घोटाला, 5-10 हजार रुपए लेकर बनाए गए सैकड़ों फर्जी कार्ड बरामद

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में फर्जी तरीके से बनाए गए सैकड़ों बीपीएल कार्ड बरामद किए गए हैं. फर्जी बीपीएल कार्ड रैकेट में तहसील स्टाफ, कियोस्क संचालक और एक वकील शामिल बताए जा रहे हैं.

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लोगों के 5-10 हजार रुपए लेकर फर्जी बीपीएल कार्ड बनाए गए

रिपोर्ट के मुताबिक जिले के खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में लोगों के फर्जी बीपीएल कार्ड बनाए गए हैं. फर्जी बीपीएल कार्ड रैकेट से जुड़े लोगों ने लोगों से 5- 10 हजार रुपए लेकर लोगों के फर्जी कार्ड बनाए. एनडीटीवी की टीम ने जब गांव-गांव जाकर पड़ताल किया तो कियोस्क संचालक, तहसील स्टॉफ और एक वकील की मिलीभगत सामने आई.

तहसील बाबू, वकील और कियोस्क संचालक को कार्ड बनाने के पैसे दिए

लोगों से बातचीत में बताया कि किसी ने खरगापुर तहसील के बाबू, तो किसी ने मिंटू नामक अधिवक्ता, तो किसी ने कियोस्क को फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के लिए पैसे दिए. साल 2023 से सक्रिय खरगापुर तहसील स्टॉफ और कियोस्क संचाल की मिलीभगत से लगातार यह कारोबार बिना रोक-टोक के कर रही है.

ऐसे हुआ टीकमगढ़ में फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने वाले रैकेट का खुलासा

बताया जाता है, जिन लोगों ने बीपीएल कार्ड बनाने के पैसे दिए और समय पर कार्ड नहीं हुआ, इससे फर्जी बीपीएल कार्ड रैकेट का खुलासा हुआ. माना जा रहा है कि जिले में चल रहे बीपीएल कार्ड घोटाले में कुछ अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. क्योंकि खरगापुर तहसीलदार मंगेश सिंह मीडिया से नजर बचाते नजर आए हैं.

रैकेट में जनपद पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत और तहसीलदार कार्यालय शामिल

सवाल है कि जब अधिकारियों के सामने ही इतना बड़ा फ्रॉड हुआ. फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के खेल में जनपद पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत और तहसीलदार कार्यालय के बाबू खिलाड़ी है. बड़ी बात यह है कि पिछले 2 साल से यह गंदा खेल जारी है, लेकिन जिला प्रशासन की नींद नहीं टूटी.

बल्देवगढ़ एसडीएम ने स्वीकारा, बीपीएल कार्ड में फर्जीवाड़े पर लगा दी है मुहर

बलदेवगढ़ तहसील ओर खरगापुर तहसीलदार के अधिकारी और कर्मचारी फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के मामले में कुछ बोलने से कन्नी काट रहे हैं, लेकिन बल्देवगढ़ एसडीएम ने फर्जीवाड़े को स्वीकार कर बीपीएल कार्ड में फर्जीवाड़े पर मुहर लगा दी है. फर्जीवाड़े में तहसीलदार का किरदार संदिग्ध हैं, क्योंकि बिना उनकी मर्जी के फर्जी कार्ड कैसे जारी हुए?

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