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9 दिन और 3 एजेंसियों के छापे… हर बार मिली संपत्ति, अब ED ने सौरभ शर्मा और साथियों की ₹33 करोड़ की प्रॉपर्टी पकड़ी

मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा और उसके साथियों की काली कमाई से जांच एजेंसियों भी चकित हैं. लोकायुक्त पुलिस और आयकर विभाग के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. ईडी ने कहा कि सौरभ और उसके सहयोगियों के खिलाफ छापेमारी के दौरान करीब 33 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं.

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केंद्र की इस एजेंसी ने इस मामले में 27 दिसंबर को राज्य परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा, उनके सहयोगी चेतन सिंह गौड़ और शरद जायसवाल समेत रिश्तेदार रोहित तिवारी सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ राज्य की राजधानी भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में करीब 8 परिसरों में छापेमारी की थी.

ईडी ने एक बयान में कहा कि ये लोग या तो अपराध की आय के संदिग्ध लाभार्थी थे या कथित तौर पर उसके मनी लॉन्ड्रिंग में सहायक थे. मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मध्य प्रदेश सरकार की लोकायुक्त पुलिस की ओर से सौरभ शर्मा के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर से उत्पन्न हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों और संबंधित फर्म और कंपनियों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है, जो आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है.

संघीय एजेंसी ने कहा कि तलाशी के दौरान बैंक खातों और संपत्तियों के विवरण की पहचान की गई और विश्लेषण में पाया गया कि सौरभ शर्मा ने अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और उन कंपनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदी हैं, जिनमें उनके करीबी सहयोगी निदेशक थे.

चेतन सिंह गौड़ के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति (FD) मिली और सौरभ शर्मा के परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर 4 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि पाई गई.

ईडी ने दावा किया कि सौरभ शर्मा की तमाम कंपनियों और परिवार के सदस्यों के नाम पर 23 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों से संबंधित कुछ दस्तावेज अन्य आपत्तिजनक  दस्तावेजों के साथ मिले हैं.

एजेंसी ने कहा कि सौरभ शर्मा ने ये संपत्तियां कथित तौर पर राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर काम करने के दौरान भ्रष्ट तरीके से अर्जित अवैध पैसे से खरीदी थीं.

इससे पहले आयकर विभाग ने कुछ समय पहले सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के वाहन से 52 किलोग्राम सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपए नकद बरामद किए थे.

वहीं, लोकायुक्त पुलिस ने छापेमारी में सौरभ के ठिकानों से 234 किलो चांदी सहित 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद की थी.

बता दें कि सौरभ शर्मा को 2015 में सरकारी डॉक्टर पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा मिली थी. उसे  मध्य प्रदेश परिवहन विभाग में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने 2023 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. फिर वह कंस्ट्रक्शन जैसे धंधों में उतर गया था.

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