तिरुपति तिरुमला मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू को लेकर कुछ दिनों से काफी विवाद छिड़ा हुआ है, जिसको लेकर कई लोगों ने गुस्सा जाहिर किया. कहा जा रहा है कि मंदिर के प्रसाद वाले लड्डू को बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवर की चर्बी और मछली के तेल की मिलावट की गई है, जिसके बाद पवित्रता को बनाए रखने के लिए तिरुमला मंदिर की यज्ञशाला में वैखानस आगम के सिद्धांतों के मुताबिक एक ‘शुद्धिकरण’ अनुष्ठान, शांति होम किया गया, जिसको लेकर मंदिर एक पुजारी ने जानकारी दी.
मंदिर के बड़े पुजारियों में से एक कृष्ण शेषचला दीक्षितुलु ने कहा कि यह शेयर करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले 4-5 दिनों से, दुनिया भर में ऐसी कई खबरें फैल रही हैं कि बालाजी का प्रसाद जो घी का इस्तेमाल करके तैयार किया गया था. इसमें जानवर की चर्बी शामिल है. सरकार ने साबित कर दिया है कि कुछ लैब रिपोर्ट्स दिखा रही हैं कि घी में कुछ मिलावट है. इसलिए, सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई कि मंदिर के स्थानों को शुद्ध करने के लिए क्या किया जाए.
अब सब कुछ शुद्ध हो गया
उन्होंने आगे कहा कि इसलिए हम शांति होम करने के प्रस्ताव के साथ प्रबंधन के पास गए. अनुमोदन के बाद, हमने कल शाम इसे सुबह 6 बजे के बाद करने का फैसला किया. सुबह 6 बजे के बाद, हम सभी भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद और इजाजत लेने के लिए गर्भगृह में गए. अब सब कुछ शुद्ध हो गया है, मैं सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें अब चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. भगवान बालाजी के दर्शन करें और प्रसाद घर वापस ले जाएं.
#WATCH | One of the head priests of the temple, Krishna Seshachala Deekshitulu says, "Very unfortunate to share that for the past 4-5 days, there are so many news reports spreading all over the world that the prasadam of Balaji which was prepared by using ghee, contains animal… https://t.co/t8yDofR5j7 pic.twitter.com/Uh0KaVHvdy
— ANI (@ANI) September 23, 2024
लड्डू विवाद पर सीएम
तिरुपति तिरुमला मंदिर में शुद्धिकरण और अनुष्ठान, शांति होम करने का उद्देश्य भी प्रायश्चित करना और गलती को सुधारना था. लड्डू विवाद पर सीएम चंद्रबाबू नायडू का भी बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार मंदिर में मिलावटी घी की सप्लाई में शामिल लोगों को नहीं बख्शेगी. इसके साथ ही कुछ दोषी कर्मचारियों को ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया था.