श्योपुर : जिले के निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों से ही पढ़ाई होगी। प्रशासन ने इसे अनिवार्य कर दिया है.जो निजी स्कूल संचालकों के द्वारा इस आदेश का पालन नहीं करेगा उनके प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी. स्कूल की मान्यता भी रद्द होगी.
बीते दिनों श्योपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर अर्पित वर्मा ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक ली.इसमें निर्देश दिए कि एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के आदेश की प्रति डीईओ एमएल गर्ग और मुझे भिजवाएं.उन्होंने कहा- पांच मार्च को ही बुक्स व यूनिफार्म को लेकर धारा-144 के तहत आदेश जारी कर दिए थे। बावजूद पैरेंट्स पर दुकान विशेषों से खरीदी के लिए दबाए बनाया जा रहा है.
डीईओ बोले हम भी एनसीईआरटी की बुक्स को पढ़ के ही इस पद पर पहुुंचे हैं.उन्होंने शिक्षा विभाग और राजस्व विभाग की टीमें गठित की.निर्देश दिए कि जिले के हर स्कूल में जाकर देखेगी कि बच्चों को एनसीईआरटी की बुक्स पढ़ाई जा रही है या नहीं। दूसरी टीम वेंडरों के यहां जांच करेगी.
सीबीएसई ने सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि पहली से 8वीं कक्षा तक के छात्रों को NCERT की किताबें ही पढ़ाने होगी. यह आदेश देशभर के सभी सीबीएसई से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू होगा. यदि कोई स्कूल इस निर्देश का पालन नहीं करता है, तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है.सीबीएसई ने इस आदेश को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें ही इस्तेमाल करनी होंगी.
सीबीएसई ने ये फैसला इसलिए लिया है कि क्योंकि प्राइवेट स्कूल एनसीईआरटी की किताबों के बदले प्राइवेट पबलिशर की महंगी किताबें छात्रों से खरीदवाते हैं. इससे न सिर्फ छात्रों और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है. एनसीईआरटी की किताबें गुणवत्ता और राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता बनाए रखने के लिए जानी जाती हैं. इसीलिए, CBSE ने यह सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है कि सभी छात्रों को समान और गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले.
जिला शिक्षा अधिकारी एमएल गर्ग ने मीडिया को बताया कि श्योपुर जिले में निजी स्कूल संचालकों की मनमानी अब नहीं चलेगी. सभी अशासकीय स्कूलों में NCERT की किताबें लागू की गई हैं. अगर इस नियम का पालन नहीं किया गया तो स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जाएगी.