Bengaluru Stampede: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2026 में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में कोई मैच नहीं खेले जाएंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक बेंगलुरु भगदड़ मामले में जांच आयोग ने इस स्टेडियम में बड़े आयोजनों पर रोक लगा दी है. इससे रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को बड़ा झटका लगा है. हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इसके साथ ही बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने अब RCB के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी इजाजत दे दी है. सरकार का ये फैसला जांच आयोग की रिपोर्ट में आया है, जिसमें RCB और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को घटना के लिए दोषी बताया गया था. RCB के साथ ही KSCA पर भी केस चलाने को मंजूरी मिल गई है.
क्या चिन्नास्वामी स्टेडियम में नहीं होंगे मैच?
रिपोर्ट्स के मुताबिक जांच आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम बड़े आयोजनों के लिए असुरक्षित है. इसलिए वहां पर किसी भी बड़े आयोजन पर रोक लगा दी है. ऐसे में अगले साल होने वाले IPL मैचों के यहां होने संभावना कम ही लग रही है. हालांकि इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. इससे RCB को बड़ा झटका लग सकता है, क्योंकि वो अपने घर में एक भी मैच नहीं खेल पाएगा.
जस्टिस डीकुन्हा की रिपोर्ट पिछले हफ्ते ही कर्नाटक कैबिनेट के सामने पेश की गई थी, जिसे गुरुवार 24 जुलाई को मंजूर कर लिया गया. इस रिपोर्ट में ही RCB और KSCA के अलावा इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को भी दोषी बताया गया था.
🚨NO IPL GAMES AT CHINNASWAMY IN 2026🚨
Bengaluru Stampede: Panel says no to big events at Chinnaswamy stadium as it's unsafe for mass gatherings.
~ What's your take on this 🤔 pic.twitter.com/AomgI8yJds
— Richard Kettleborough (@RichKettle07) July 24, 2025
क्या है पूरा मामला?
IPL 2025 का फाइनल मुकाबला 3 जून को RCB और पंजाब किंग्स के बीच खेला गया था. इस मुकाबले में RCB ने पंजाब किंग्स को हराकर पहली बार IPL का खिताब जीता था. इसके एक दिन बाद 4 जून को RCB की टीम अपने शहर बेंगलुरु लौटी थी और इस दौरान जीत के जश्न के बीच अचानक एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी.
हादसे में करीब 50 लोग घायल भी हुए थे. इस खौफनाक घटना के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 5 जून को रिटायर्ड जस्टिस माइकल डीकुन्हा के नेतृत्व में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था.