पाकिस्तानी सेना के बाद सबसे ज्यादा ताकत रखने वाली खुफिया एजेंसी ISI की ताकत में और इजाफा हो गया है. इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की ये ताकत किसी और ने नहीं, बल्कि खुद पाकिस्तान की सरकार ने बढ़ाई है. ये ताकत मिलने के बाद अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पूरे देश में किसी के भी कॉल को इंटरसेप्ट कर सकेगी.
दरअसल, पाकिस्तान की सरकार ने खुफिया ISI को कॉल इंटरसेप्ट करने और उनका पता लगाने के लिए औपचारिक रूप से अधिकृत कर दिया है. इसके पीछे की वजह पाकिस्तान की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा बताई है. पाकिस्तान के सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की है.
अधिसूचना में कहा गया है कि ISI के ग्रेड 18 से नीचे के रैंक के अधिकारी किसी कॉल और संदेश को रोकने के साथ उसका पता भी लगा सकते हैं. अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि सरकार विदेशी खतरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देगी. बताया जा रहा है कि यह अधिसूचना पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ की कैबिनेट से औपचारिक आदेश पारित होने के बाद जारी की गई है.
हालांकि, पाकिस्तान में इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नकेल कसने की सरकारी कोशिश के तहत देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए, क्योंकि पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने मीडिया पर कम जगह मिलने के बाद सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ाई है.
बता दें कि एलन मस्क की कंपनी X को पाकिस्तान की सरकार फरवरी में ही ब्लॉक कर चुकी है. ये मामला सिंध कोर्ट में पहुंचने पर सरकार अपने एक्शन का बचाव भी कर चुकी है. सरकार के इस फैसले के बाद इमरान की पार्टी PTI के नेता ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
PTI नेता उमर अयूब खान ने कहा है कि सरकार और उनके सहयोगियों को यह बात पता होनी चाहिए कि सत्ता से बेदखल होने के बाद उनके नेताओं के खिलाफ भी यही किया जाएगा. अयूब ने आगे कहा कि जो उपाय वे (पाकिस्तान की सरकार) लागू कर रहे हैं, उसके प्रभाव में आने पर वे अदालतों के चक्कर लगाएंगे.