अमेरिका में अब खालिस्तानियों की खैर नहीं! भारतीय मूल के FBI डायरेक्टर बोले- कहीं भी हों, खोज लाएंगे

अमेरिका में खालिस्तानियों का बुरा वक्त अब शुरू हो चुका है. हाल ही में भारत के मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों में से एक हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को FBI ने गिरफ्तार किया है. पंजाब में सिलसिलेवार धमाकों के लिए जिम्मेदार पासिया की गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी बड़ी कामयाबी है. खालिस्तानी ग्रुप बब्बर खालसा और आईएसआई के साथ मिलकर पासिया महाकुंभ के दौरान भी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था.

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US में हरप्रीत पासिया गिरफ्तार

हरप्रीत पासिया की गिरफ्तारी पर भारतीय मूल के पहले FBI डायरेक्टर काश पटेल ने सोमवार को भरोसा दिया है कि अमेरिका में गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरप्रीत पासिया की गिरफ्तारी के बाद न्याय किया जाएगा. पंजाब में कई आतंकी वारदातों में शामिल हैप्पी पासिया पर पाकिस्तान की आईएसआई और खालिस्तानी ग्रुप बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लिए काम करने का आरोप है.

काश पटेल ने अपने बयान में कहा कि उसे 18 अप्रैल को अमेरिका में FBI और अमेरिकी कस्टम अधिकारियों ने एक जॉइंट ऑपरेशन में गिरफ्तार किया था. भारतीय-अमेरिकी पटेल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘पकड़ा गया हरप्रीत सिंह, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे कथित विदेशी आतंकवादी गिरोह का सदस्य है, जिसके बारे में हमारा मानना है कि वह भारत और अमेरिका दोनों जगह पुलिस स्टेशनों पर कई हमलों की साजिश में शामिल था. अमेरिकी एजेंसियां ने भारत में अपने पार्टनर्स के साथ कॉर्डिनेट करते हुए मामले की जांच की है.’

‘हिंसा करने वालों को कहीं से भी खोज लाएंगे’

काश पटेल अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी FBI को लीड करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं और उन्होंने पासिया की गिरफ्तारी पर साफ शब्दों में कहा कि सभी ने शानदार काम किया है और न्याय किया जाएगा. एफबीआई हिंसा करने वालों को खोज लाएगी, चाहे वे कहीं भी हों. पासिया पर राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) ने भी पांच लाख का इनाम घोषित कर रखा था. पंजाब पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसियों को लंबे वक्त से उसकी तलाश थी.

हरविंदर सिंह रिंदा के नेटवर्क से जुड़े पासिया को लेकर खुफिया एजेंसियों का कहना है कि उसने पंजाब में कई हमलों की साजिश रची जिनमें इस साल जनवरी में अमृतसर में गुमताला पुलिस चौकी पर हुआ हमला भी शामिल है. जानकारी के मुताबिक वह अवैध रूप से अमेरिका पहुंचा था और गिरफ्तारी से बचने के लिए कीपैड फोन का इस्तेमाल कर रहा था. वह पंजाब के अमृतसर के अजनाला तहसील का रहने वाला है. पासिया चंडीगढ़ के सेक्टर 10/डी में एक घर पर किए गए हैंड ग्रेनेड हमले के सिलसिले में एक अक्टूबर, 2024 को दर्ज मामले में फरार है.

दरअसल, अमेरिका और कनाडा को भारत विरोधी खालिस्तानियों का ‘सेफ हाउस’ माना जाता रहा है और ऐसे आतंकी विदेशी जमीन पर बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रचते रहते हैं. लेकिन हाल में अमेरिका से मुंबई अटैक के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का प्रत्यपर्ण और उसके बाद खालिस्तानी आतंकी हरप्रीत सिंह की गिरफ्तारी से एक उम्मीद जगी है. अमेरिका अब भारत के साथ मिलकर आतंक के खिलाफ सख्त एक्शन लेने को तैयार है, जिसमें ट्रंप प्रशासन और FBI की भूमिका सबसे अहम हो सकती है.

कौन हैं काश पटेल

एफबीआई डायरेक्टर भारतवंशी काश पटेल (44) का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है जिनका जन्म न्यूयॉर्क में हुआ था. उनका परिवार गुजरात के वडोदरा का रहने वाला है जो पेशे से वकील हैं. उन्हें ट्रंप के करीबियों में गिना जाता है और वह ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान वह राष्ट्रपति के उप सहायक के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में वरिष्ठ निदेशक के तौर पर काम कर चुके हैं. फरवरी में पटेल ने हाथ में गीता पकड़कर FBI डायरेक्टर का पद संभाला था.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रवासन नीतियों को लेकर बेहद सख्त हैं और पटेल भी ट्रंप प्रशासन की इन नीतियों के पुरजोर समर्थक रहे हैं. उनका मानना है कि अवैध प्रवासियों की वजह से ही अमेरिका में ड्रग्स, रेप और हमले की घटनाएं बढ़ी हैं. पटेल ने अपने एक संबोधन में कहा था, ‘अमेरिका की प्रवासन नीति दुनिया की सबसे बेहतरीन प्रवासन नीति है. अब हमारे पास डोनाल्ड ट्रंप और जेडी वेंस (अमेरिका के उपराष्ट्रपति) हैं जो अमेरिका की प्रवासन नीति को और बेहतर बनाने जा रहे हैं. अमेरिका का सपना पालना और सपना पूरा करने की उम्मीद ही काफी नहीं है बल्कि प्रवासियों को उसके लिए कड़ी मेहनत भी करनी होगी.’

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