मऊगंज : जिले से इस वक्त की सबसे सनसनीखेज खबर जहां सोशल मीडिया एक बार फिर सियासी और सामाजिक विस्फोट का मंच बन गया है.भाजपा के पूर्व अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष संतोष कोल की पोस्टों ने पुलिस-प्रशासन की नींद उड़ा दी है.गडरा हिंसा का जिक्र करते हुए कोल ने फेसबुक पर खुलेआम पुलिस को चुनौती दी है और आदिवासी समाज को ‘लठ उठाने’ का आह्वान कर दिया है.
हनुमना थाना क्षेत्र से उठी इस सोशल मीडिया लहर ने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया है। भाजपा के पूर्व महामंत्री और पार्षद प्रत्याशी संतोष कोल ने फेसबुक पर लगातार भड़काऊ पोस्ट डाले जिनमें पुलिस को सीधी धमकी दी गई और आदिवासी समाज से हिंसक प्रतिक्रिया की अपील की गई.
उनकी पोस्ट में लिखा गया ‘पुलिस शराब पीकर सो रही थी, मैं
घर में कैद रहा, मारने आए लोगों से बचाने कोई नहीं आया’, ‘क्या आदिवासी होना गुनाह है?’, और सबसे गंभीर बयान ‘अब आदिवासी पुलिस वालों को चुन-चुन कर मारो’.
एक पोस्ट में तो साफ लिखा ‘अब लठमार शुरू होनी चाहिए, पुलिस स्टेशन तक नहीं पहुंचने देंगे’ जिसे लेकर कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
“पोस्ट में ‘गडरा कांड’ की बार-बार चर्चा की गई
वही घटना जिसमें एक एएसआई की हत्या हुई थी, तहसीलदार घायल हुए थे और पूरा गांव जल उठा था.तब हिंसा इतनी विकराल थी कि गांव के कई दलित और आदिवासी परिवारों को जान बचाकर पलायन करना पड़ा था.उसी हिंसा में एक पिता ने अपनी दो बेटियों संग आत्महत्या कर ली थी.सैकड़ों गिरफ्तारियां हुई थीं, प्रशासन में बड़े स्तर पर तबादले हुए थे और डीजीपी तक को दौरा करना पड़ा था.आज भी गडरा गांव के कई घर खाली पड़े हैं.
पुलिस अधीक्षक मऊगंज दिलीप सोनी