भोपाल। मध्य प्रदेश में माओवादी समस्या से प्रभावित जिले बालाघाट, मंडला और डिंडोरी के 400 से अधिक गांवों के लिए विशेष सहयोगी दस्ता के रूप में 850 जवान इसी माह मिल जाएंगे। इसमें महिलाओं को भी भर्ती किया जा रहा है।
भर्ती के बाद बाद उन्हें तीन माह प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें माओवादी समस्या, प्रभावित क्षेत्र, माओवादियों की रणनीति, हथियार चलाने का प्रशिक्षण के साथ क्षेत्र का दौरा कराया जाएगा। इस प्रशिक्षण के बाद दिसंबर अंत या जनवरी में सहयोगी दस्ता काम संभाल लेगा।
माओवादी समस्या समाप्त करने का है लक्ष्य
बता दें, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक माओवादी समस्या समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में यह दस्ता भर्ती किया जा रहा है। भर्ती में इस बात को प्राथमिकता में रखा गया है, जो युवक-युवती जिस गांव का है, उसे उसी गांव या आसपास के गांव में तैनात किया जाएगा।
इसका कारण यह कि गांव के लोग उस पर भरोसा करेंगे। उसकी बात मानेंगे। माओवादियों के बहकावे में नहीं आएंगे। गांव में माओवादियों की गतिविधि पर भी उनकी खुफिया नजर रहेगी। सर्च आपरेशन या मुठभेड़ में भी वे पुलिस का सहयोग करेंगे।
पुलिस का खुफिया तंत्र और मजबूत होगा
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट ने इसी वर्ष विशेष सहयोगी दस्ता के लिए पदों की स्वीकृति दी थी। ऐसे गांवों को पहले ही चिह्नित किया जा चुका है जहां उन्हें तैनात किया जाना है। माओवादी गतिविधियों के आधार पर इन गांवों को संवदेनशील माना गया है। इनके आने से पुलिस का खुफिया तंत्र और मजबूत होगा।