नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं क्लास के रिजल्ट को लेकर नया मॉडल प्रस्तावित किया है. इस नये मॉडल में जिस इवैल्यूएशन मॉडल के बारे में चर्चा की गई हैं उसके अनुसार अब 12वीं के रिजल्ट में चार सालों का लेखा जोखा हो सकता है. इस नए मॉडल के तहत वोकेशनल और स्किल बेस्ड ट्रेनिंग पर भी जोर दिया गया है. अभी इस प्रस्ताव में कहा गया है कि 12वीं के रिजल्ट में ही 9वीं से 11वीं तक के नंबरों को शामिल किया जाए. ये सभी जानकारी बोर्ड द्वारा जारी की गई “Establishing Equivalence across Education Boards, शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 12वीं के बोर्ड परीक्षा के परिणाम में क्लास 9वीं से 11वीं तक की स्टूडेंट के पूरे परफॉर्मेंस को शामिल किया जाएगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक ये रिपोर्ट NCERT के तहत आने वाले रेगुलेटरी सेंटर PARAKH ने शिक्षा मंत्रालय को सौंपी है. NCERT की इस रिपोर्ट में प्रस्ताव दिया गया है कि नए इवैल्यूएशन मॉडल में क्लास 12वीं के बोर्ड रिजल्ट में क्लास 11वीं के नंबर का 25 प्रतिशत वेटेज होगा. वहीं, 10वीं के नंबर को 20 प्रतिशत और 9वीं के नंबरों को 15 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. इसके अलावा बाकी बचे 40 फीसदी नंबर 12वीं क्लास के होंगे.
इस प्रस्ताव में इवैल्यूएशन को फॉर्मेटिव और समेटिव दो भागों में बांटा गया है. क्लास 9वीं के नंबरों को 70 फीसदी फॉर्मेटिव और 30 फीसदी समेटिव में बांटा गया है. 10वीं में दोनों को 50-50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा. क्लास 11वीं में 40 फीसदी असेसमेंट फॉर्मेटिव और 60 फीसदी समेटिव होगा. वहीं 12वीं क्लास में 30 फीसदी फॉर्मेटिव और 70 फीसदी समेटिव होगा.
बताया जा रहा है कि NCERT की ये रिपोर्ट पिछले एक साल में 32 बोर्डों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार की गई है.इसके अलावा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (NEP 2020) के तहत होलिस्टिक लर्निंग को प्रमोट करने के लिए डेटा मैनेजमेंट, कोडिंग, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, AI, म्यूज़िक, आर्ट्स और क्राफ्ट्स जैसे टॉपिक्स को बढ़ावा देने की बात भी रिपोर्ट में है.इसके अलावा इसमें टीचर्स की परफार्मेंस को भी परखा जाएगा.
गौरतलब है कि नया इवैल्यूएशन मॉडल 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए क्रेडिट बेस्ड सिस्टम पर आधारित होगा. इसमें 9वीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को 40 में से 32 क्रेडिट स्कोर करने होंगे. वहीं 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को 44 में से 36 क्रेडिट स्कोर करना होगा. इस नई प्रक्रिया को फिलहाल लागू नहीं किया गया है. अगर इस रिपोर्ट में दिया गया प्रस्ताव मान्य होता है तो छात्रों को सभी चार सालों तक अपने परफार्मेंस में निरंतरता बनाकर रखनी होगी.