MBBS के बाद अब सिर्फ 1 साल का बॉन्ड, छत्तीसगढ़ में चिकित्सा प्रवेश नियमों में सुधार

छत्तीसगढ़ में चिकित्सा प्रवेश नियमों में व्यापक सुधार किया गया है. राज्य में प्रवेश वर्ष 2025 के लिए काउंसलिंग में नए नियमों की घोषणा की गई है. पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि होगी. चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ये निर्णय लिया है.

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30 जुलाई से काउंसलिंग: एमबीबीएस, बीडीएस, बीपीटी में काउंसलिंग के लिए नियम संशोधित किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी निर्देशों के अनुसार इस साल से काउंसलिंग प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे मेडिकल छात्रों को ज्यादा सुविधा मिलेगी. काउंसलिंग की प्रक्रिया 30 जुलाई 2025 से शुरू होगी.

प्राथमिकता में संशोधन: निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा और एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आबंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी.

बॉन्ड सेवा अवधि में छूट: पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है.

काउंसलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन: काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी. सीट आबंटन और प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी.

ओबीसी श्रेणी के आय प्रमाण पत्र में सरलता: ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र संबंधित मापदंडों को सरल किया गया है.

EWS श्रेणी की रिक्त सीटें अब सामान्य वर्ग को: यदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आबंटित किया जाएगा.

हर चरण में पंजीयन की सुविधा: काउंसलिंग के हर राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी. जिससे छात्रों को ज्यादा फायदा मिलेगा.

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