छतरपुर के बागेश्वर धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब यह तय हो गया है कि कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कब दरबार लगाएंगे और उनके दर्शन कब हो सकेंगे। उन्होंने यह घोषणा करते हुए कहा है कि अब धाम में सात दिन में पांच दिन दरबार आयोजित किए जाएंगे। इस व्यवस्था में नई अर्जी, पुरानी पेशी और प्रेतराज का दरबार शामिल है।
धीरेंद्र शास्त्री ने इस नई व्यवस्था की जानकारी एक वीडियो के माध्यम से साझा की है। वीडियो में उन्होंने सात दिन की नियमावली विस्तार से बताई है, जिसके अनुसार दरबारों का समय और प्रकार तय होगा। इससे श्रद्धालुओं को अब स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि किस दिन कौन सा दरबार लगेगा और वे अपने दर्शन के लिए समय अनुसार धाम पहुंच सकेंगे।
धाम पर देशभर से श्रद्धालु रोजाना आते हैं। विशेषकर मंगलवार और शनिवार को भारी भीड़ रहती है। नए नियम के अनुसार, रविवार को पंडित जी किसी से नहीं मिलेंगे और इस दिन वे धाम की व्यवस्थाओं, अन्नपूर्णा की व्यवस्था और अस्पताल की सुविधाओं पर ध्यान देंगे।
सात दिन की नियमावली इस प्रकार है: सोमवार को नई अर्जी का दरबार होगा। मंगलवार को पुरानी पेशी का दरबार आयोजित किया जाएगा। बुधवार को फिर नई अर्जी का दरबार लगेगा, जिसमें उन श्रद्धालुओं के पर्चे शामिल होंगे जिनकी अर्जी अभी बनी नहीं है। गुरुवार को पंडित जी धाम पर रहेंगे और सीधे श्रद्धालुओं से मिलेंगे। शुक्रवार को नई अर्जी का दरबार लगाया जाएगा और लोगों की समस्याओं को बालाजी तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। शनिवार को प्रेतराज सरकार का दरबार आयोजित किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था के बाद अब धाम पर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का समय निश्चित होगा और उन्हें दरबार के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। प्रशासन और धाम प्रबंधन भी इस व्यवस्था से संतुष्ट हैं, क्योंकि इससे धाम में भीड़ का प्रबंधन करना आसान होगा। श्रद्धालु अब वीडियो के माध्यम से या धाम में लगी सूचनाओं से दरबार का समय जान सकते हैं।
इस नई नियमावली ने श्रद्धालुओं में खुशी और संतोष का माहौल बना दिया है। इससे धाम पर दर्शन व्यवस्था और अनुशासन दोनों में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है।