हिमाचल प्रदेश में अब किसी भी जिले की पुलिस राज्य सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी. प्रदेश सरकार ने यह बिल राष्ट्रपति के पास स्वीकृति के लिए भेजा था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस बिल को मंजूरी दे दी है. मंजूरी मिलने के बाद यह बिल अब कानून बन चुका है, जिसको लेकर हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है.
हालांकि सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत के साथ रंगे हाथ पकड़े जाने, नशीले पदार्थों के साथ या किसी अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की स्थिति में सरकार से अनुमति लिए बिना गिरफ्तार किया जा सकेगा, जबकि किसी संभावित घटना में जांच के दौरान गिरफ्तारी के पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी. उसके बाद संबंधित अधिकारी या कर्मचारी को गिरफ्तार किया जा सकेगा.
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— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
इस नए नियम के तहत पुलिस में भर्ती होने वाले कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल अब स्टेट कैडर में आ गए हैं. नए नियम के तहत पुलिस एक्ट-2007 की धाराओं में बदला किया गया है. इसमें धारा 4, 25, 65 और 95 शामिल हैं. इस संबंध में विधि विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.
कांस्टेबल और हेड अब स्टेट कैडर में
इस नए नियम के तहत में राज्य में कार्यरत 35 हजार से ज्यादा ग्रेड-2 पुलिस कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल का किसी भी जिले में तबादला किया जा सकेगा और नई भर्ती राज्य सरकार द्वारा बनाए गए भर्ती और पदोन्नति नियमों के अनुसार ही की जाएगी. सरकार का कहना है कि इस नए नियम से पुलिस विभाग के काम की गुणवत्ता बढ़ेगी.
पहले क्या थे नियम?
पहले के नियम में पुलिस कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल जिला कैडर में आते थे. इनका अपने जिला में ही फेरबदल हो पाता था. इसकी वजह से ये लंबे समय से एक ही जिले में रहते थे, जिससे एक ही जिले में लंबे समय से जुड़े रहने से काम भी प्रभावित होता था और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था.